लीना चंदावरकर बॉलीवुड की उन हीरोइनों में से हैं जिन्होंने चुनिंदा फिल्मों में ही काम किया. लेकिन दर्शकों के दिलों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. लीना का नाम आते ही 'महबूब की मेहंदी', 'हमजोली' और 'मनचली' जैसी फिल्में जेहन में आ जाती हैं. लीना ने फिल्मों की दुनिया में कदम रखने से पहले कुछ विज्ञापन भी किए. उसी दौरान बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुनील दत्त ने उनका विज्ञापन देखा क्योंकि उन दिनों वे अपने भाई सोम दत्त को लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे. इस तरह उन्होंने 'मन का मीत' फिल्म के लिए लीना चंदावरकर को चुना. दिलचस्प बात ये है कि सुनील दत्त ने एक्ट्रेस के तौर पर लीना को ग्रूम करने का जिम्मा पत्नी नरगिस दत्त को दिया. 'मन का मीत' में लीना ने कई एक्शन सीन भी किए. फिल्म सेमीहिट रही, लीना को इसका फायदा मिला.
छोटी उम्र में ही हुई बड़ी ट्रेजडी
इसके बाद लीना चंदावरकर जीतेंद्र के साथ फिल्म 'हमजोली' में नजर आईं लेकिन 1971 में रिलीज हुई 'मेहबूब की मेहंदी' में राजेश खन्ना के साथ इनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया. फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट रहा और लीना पर फिल्माए गए गाने 'जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं' को लोगों से भरपूर प्यार मिला. इन फिल्मों ने उन्हें लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. अब बात आती है इनकी लाइफ की ट्रेजडी की क्योंकि जितना दिलचस्प इनका फिल्मी करियर रहा है, उतनी ही इनकी पर्सनल लाइफ उलझी हुई रही है. लीना और किशोर कुमार की प्रेम कहानी भी काफी मजेदार है. 25 साल की उम्र में ही इनकी शादी सिद्धार्थ बंडोडकर से हो गई थी. लेकिन कुछ समय बाद ही इनके पति का निधन हो गया.
जब किशोर कुमार ने दिया धरना
अब जब लीना चंदावरकर अपनी जिंदगी में मुश्किल दौर से गुजर रही थीं तब किशोर कुमार की एंट्री इनकी लाइफ में हुई. दोनों करीब आए. लेकिन लीना के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था. अब किशोर कुमार को कुछ सूझा नहीं तो उन्होंने लीना के घर के आगे धरना देना शुरू कर दिया और वे 'नफरत करने वालों के सीने में प्यार भर दूं' गाना गाते थे. किशोर की इस दीवानगी को देख लीना के पापा भी मान गए और शादी के लिए तैयार हो गए. इस तरह से 1980 में दोनों की शादी हुई और वे किशोर कुमार की चौथी पत्नी बनीं.