करिश्मा कपूर अपने बच्चों को उनके पिता की संपत्ति का हक दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं, क्योंकि वे असली उत्तराधिकारी हैं. लेकिन दिवंगत बिजनेसमैन की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर द्वारा पेश की गई वसीयत के मुताबिक उन्हें संपत्ति से वंचित कर दिया गया है. यह कानूनी लड़ाई 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर है. दिल्ली उच्च न्यायालय की हालिया सुनवाई में, करिश्मा कपूर के वकील ने यह कहते हुए सबको चौंका दिया कि वसीयत जाली है.
करिश्मा कपूर के वकील ने वसीयत के जाली होने के सबूत पेश किए
करिश्मा के वकील, महेश जेठमलानी जो समायरा और कियान के मामले की पैरवी कर रहे हैं, ने दावा किया कि संजय कपूर की वसीयत जाली है और जानबूझकर उनकी पहली शादी से हुए उनके बच्चों को विरासत से वंचित करने के लिए बनाई गई है. महेश जेठमलानी ने अदालत को बताया कि वसीयत को लेकर बहुत सीक्रेसी बरती गई है. उन्होंने कहा. "इस वसीयत में कुछ बहुत ही सीक्रेटिव है. इस वसीयत में संजय कपूर का कोई जिक्र नहीं है... और हमें कोई दस्तावेज भी नहीं दिए गए."
इतना ही नहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता ने वसीयत में खामियों को भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि वसीयत में उनकी बेटी का पता गलत था, और उनके एक बेटे के नाम की स्पेलिंग बार-बार गलत लिखी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि संजय कपूर का अपने बच्चों के साथ बहुत अच्छा रिश्ता था. उन्होंने कहा, "संजय कपूर का स्वास्थ्य बहुत अच्छा था और उनकी इंडियन प्रॉपर्टी एक मजबूत ट्रस्ट से सिक्योर्ड थी. circumstantial evidence बिल्कुल अलग हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वसीयत का कंटेंट गलत है. मैं यह बात उनके 'विरासत से वंचित' बच्चों के साथ उनकी फोन पर हुई बातचीत के आधार पर कह रहा हूं. उनके अपने बच्चों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे. तो फिर उन्होंने अपनी बेटी का पता गलत कैसे लिखा और अपने बेटे का नाम कई जगहों पर गलत कैसे लिखा?"