दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की विवादित संपत्ति पर हाल ही में हुई अदालती सुनवाई ड्रामा से भरी रही और एक्ट्रेस करिश्मा कपूर, जो संजय कपूर की एक्स वाइफ हैं. उनके बच्चों के वकील ने तीखे हमले किए. दिल्ली उच्च न्यायालय ने करिश्मा कपूर के बच्चों, समायरा और कियान कपूर द्वारा अपने दिवंगत पिता संजय कपूर की कथित वसीयत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि संजय कपूर की विधवा प्रिया सचदेव कपूर द्वारा पेश की गई कथित वसीयत एक मनगढ़ंत दस्तावेज है, जिसे उनके दोनों बच्चों, समायरा और कियान कपूर को बाहर करने और उनकी संपत्ति पर नियंत्रण हासिल करने के लिए तैयार किया गया था.
वकील ने आरोप लगाया कि संजय की "अपनी वसीयत में कोई भूमिका नहीं थी". वकील ने कहा कि डिजिटल साक्ष्य और यात्रा रिकॉर्ड से साबित होता है कि बिजनेसमैन 15 से 18 मार्च, 2025 के बीच अपने बेटे कियान के साथ छुट्टियों पर थे, जब दस्तावेज में कथित तौर पर बदलाव किया गया था.
महेश ने अदालत को बताया कि वसीयत में बदलाव 17 मार्च को सुबह 11:54 बजे किया गया, जब संजय कपूर शहर में भी नहीं थे. उनके डिजिटल फुटप्रिंट गायब हैं, उनकी जगह साजिशकर्ताओं के डिजिटल फुटप्रिंट हैं.
इस मामले के लिए कानूनी ढांचे का प्रस्ताव देते हुए उन्होंने कहा, "यह भारतीय दंड संहिता की धारा 467 के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसमें वसीयत की जालसाजी के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है."
महेश जेठमलानी यहीं नहीं रुके, हमने प्रिया पर भी टिप्पणी की, क्योंकि उन्होंने कहा कि प्रिया ने समायरा और कियान के साथ "एक दुष्ट सिंड्रेला मां" की तरह व्यवहार किया था, जो उन्हें और उनकी दादी रानी कपूर को दरकिनार करने की साजिश रच रही थी, जबकि अपने घर में धन और शक्ति को मजबूत कर रही थी. उन्होंने प्रिया पर संपत्ति को लेकर गोपनीयता बरतने का आरोप लगाया, जिसमें परिवार के सदस्यों से संपत्ति पर चर्चा करने से पहले गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करना भी शामिल है.
यह वसीयत 21 मार्च, 2025 की है और कथित तौर पर संजय कपूर की पूरी निजी संपत्ति उनकी तीसरी पत्नी, प्रिया सचदेव कपूर को दे दी गई है. बच्चों ने इसकी प्रामाणिकता को चुनौती दी है और इसे प्रिया और उनके सहयोगियों की "आपराधिक साजिश" का नतीजा बताया है.