दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों द्वारा दायर एक सिविल याचिका पर सुनवाई जारी रही. बच्चों ने अपने दिवंगत पिता और उद्योगपति संजय कपूर की वसीयत की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए इसे फर्जी और मनगढ़ंत बताया है. उनका दावा है कि अदालत में पेश की गई यह वसीयत असली नहीं है और इसे बाद में तैयार किया गया है. करिश्मा के दोनों बच्चे समीरा कपूर और कियान राज कपूर अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा मांग रहे हैं, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 30,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, जो बच्चों की ओर से पेश हुए, ने अदालत में कहा कि इस वसीयत में कई विरोधाभास और संदिग्ध परिस्थितियां हैं. उन्होंने बताया कि वसीयत के मसौदे में भाषा और लेखन ऐसा लगता है जैसे यह संजय कपूर ने नहीं, किसी और ने तैयार किया हो. उन्होंने एक अहम बिंदु पर ध्यान दिलाया कि इस वसीयत में संजय कपूर को महिला सर्वनाम 'she' और 'her' से संबोधित किया गया है, जो इसे बेहद संदिग्ध बनाता है. जेठमलानी ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि दस्तावेज में संजय कपूर को महिला बताया गया है. यह दिखाता है कि इसे तैयार करने वालों ने कितनी लापरवाही की है.”
उन्होंने आगे कहा कि इस वसीयत में संजय कपूर की मां रानी कपूर का नाम तक नहीं है, जबकि पहले की व्यवस्थाओं में हमेशा उनका जिक्र होता था. साथ ही यह वसीयत रजिस्टर्ड भी नहीं की गई है, जो इसे और संदिग्ध बनाता है. जेठमलानी ने यह भी आरोप लगाया कि दस्तावेज संभवतः किसी नितिन शर्मा के लैपटॉप पर तैयार किया गया. उन्होंने कहा कि जैसे ही इस वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी गई, तभी अचानक इसके इर्द-गिर्द तेजी से गतिविधियां बढ़ गईं, जो इसे और संदिग्ध बनाती हैं. जेठमलानी ने जोर देकर कहा कि वसीयत की हर विसंगति को साबित करने की जिम्मेदारी प्रतिवादियों पर है.
दूसरी ओर, प्रिया सचदेव कपूर की ओर से पेश वकील ने कहा कि जेठमलानी ने प्रिया को गलत रूप में पेश किया है. उन्होंने कहा कि प्रिया को 'सिंड्रेला की सौतेली मां' की तरह नहीं, बल्कि एक 'फेयरी गॉडमदर' की तरह देखा जाना चाहिए. प्रिया ने बच्चों के खर्चों पर 1 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं और यहां तक कि संजय कपूर की मौत के बाद करिश्मा कपूर की फ्लाइट और होटल के खर्चे भी उठाए. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.