1960 और 1970 के दशक की फिल्म इंडस्ट्री की गहरी समझ रखने वाले फिल्म मेकर करन जौहर को यह इनसाइट और नॉलेज अपने दिवंगत पिता यश जौहर से मिली थी. हाल ही में उन्होंने फिल्म सेट पर अपने पिता की भागीदारी के बारे में एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया. खासकर के आसिफ की फिल्म मुगल-ए-आजम के प्रोडक्शन के दौरान. यश जौहर ने प्रोडक्शन की एक खास घटना का जिक्र करते हुए उस दिन को याद किया जब के आसिफ ने अचानक से पैक-अप कर दिया था. इस वजह से अगले तीन दिनों की शूटिंग में रुकावट आ गई थी. जाहिर है उनका मकसद एक्ट्रेस मधुबाला के लिए इत्र (सुगंधित इत्र) के एक तालाब का इंतजाम करना था.
करन जौहर को याद आया कि के आसिफ ने मधुबाला के लिए इत्र तालाब का इंतजाम करने के लिए मुगल-ए-आजम की शूटिंग तीन दिनों के लिए रोक दी थी. फिल्म कंपेनियन के साथ बातचीत में करन जौहर ने शेयर किया कि मुगल-ए-आजम के सेट पर उनके पिता यश जौहर की मौजूदगी ने उन्हें उस दौरान के किस्से सुनाए थे.
करन ने कहा, "मेरे पिता ने मुझे एक दिन के बारे में बताया कि कैसे के आसिफ ने पैक-अप अनाउंस कर दिया क्योंकि उनके पास असली 'इत्र' नहीं था और वह तालाब में असली 'इत्तर' चाहते थे ताकि मधुबाला वो क्लोज-अप दे सकें. मधुबाला को वो सीन सुंदर बनाने के लिए एक झटका देना था और उन्हें इसे बखूबी निभाया.
करन ने खुलासा किया कि प्रोडक्शन टीम ने शुरू में तालाब को पानी से भर दिया था लोकिन के आसिफ का मन नहीं मान रहा था. जब तक असली इत्र का इंतजाम नहीं हो जाती तब तक उन्होंने शूटिंग आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया. कुछ कुछ होता है के डायरेक्टर ने इस बेस्ट क्वालिटी प्रोडक्शन के बारे में बात करते हुए बताया कि प्रोडक्शन टीम ने इस काम को पूरा करने के लिए तीन दिन का टाइम लिया. इसके बाद डायरेक्टर ने सामान पैक करने का फैसला किया और तीन दिनों तक कोई शूटिंग नहीं हुई जब तक कि तालाब पूरी तरह से इत्र से भर नहीं गया.