करण जौहर ने बताया बड़े और ओवर साइज कपड़े क्यों पहनते हैं वो, बचपन से ही खुद को लेकर....

करण जौहर ने बताया कि वो हमेशा ढीले और ओवर साइज कपड़े क्यों पहनते हैं. करण की बात आपको हैरान भी कर सकती है.

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करण जौहर ने शेयर किया अपनी ओवर साइज ड्रेसिंग का सीक्रेट
नई दिल्ली:

करण जौहर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े फिल्म मेकर्स में से एक हैं. नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर को स्टार मेकर के तौर पर भी जाना जाता है जिन्होंने कई नए एक्टर्स को अपना टैलेंट दिखाने के लिए एक प्लैटफॉर्म दिया. जबकि हम उन्हें खुद भी एक मल्टी टैलेंटेड, फैशन-फॉरवर्ड सेलिब्रिटी के रूप में देखते हैं जो अपने मन की बात कहना पसंद करते हैं. वे ऐसे शख्स भी हैं जो फैशन के मामले में काफी अपडेटेड दिखते हैं और कोई भी स्टाइल ट्राय करने से पीछे नहीं हटते. अब आपको जानकर हैरानी होगी कि करण अपनी फिजीक को लेकर कम्फर्टेबल नहीं हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने बॉडी डिस्मॉर्फिया से जूझने की बात कही.

करण जौहर ने बॉडी इश्यू से निपटने के बारे में बात की

करण जौहर हाल ही में फेय डिसूजा के साथ बातचीत में थे इसमें उन्होंने अपनी असफलताओं के बारे में बात की. बॉडी इश्यू के बारे में बात करते हुए, उन्होंने शेयर किया कि आखिरकार उन्हें कैसे अहसास हुआ कि वे फिल्म इंडस्ट्री में रहना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बचपन में वे अपने लुक्स को लेकर अनकम्फर्टेबल महसूस करते थे.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अभी भी उस बैगेज को ढो रहे हैं तो करण ने कहा, "मुझे बॉडी डिस्मॉर्फिया है. मुझे पूल में जाने में बहुत अनकम्फर्टेबल होता है." उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने इस पर काबू पाने की पूरी कोशिश की हो लेकिन उन्हें अभी भी नहीं पता कि इससे निजात कैसे पाई जाए. रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के डायरेक्टर ने खुलासा किया कि यही कारण है कि उन्हें अक्सर बड़े साइज के कपड़ों में देखा जाता है. चाहे वह कितना भी वजन कम कर लें या कड़ी मेहनत करें उन्हें हमेशा लगता है कि वह मोटे हैं. इसलिए वह नहीं चाहते कि कोई उनके शरीर के किसी भी हिस्से को देखे. 

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करण जौहर का कहना है कि आठ साल की उम्र से लेकर अब तक कुछ भी नहीं बदला है. उन्होंने स्वीकार किया, "मैं हर समय खुद को लेकर शर्मसार रहता हूं," उन्होंने कहा कि इंटिमेसी में भी उन्हें रोशनी बंद करने की जरूरत होती है. उनके मुताबिक अगर बचपन की समस्याओं को काउंसलिंग और थेरेपी के जरिए नहीं निपटाया जाता है तो वे उन्हें परेशान करती रहती हैं. दो साल पहले उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था. उन्हें चिंता हो गई थी और उन्हें ऐसी जगह रहना अनकम्फर्टेबल लगता था जहां उन्हें जानने वाले लोग मौजूद हों. 

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उन्होंने कहा, "ये सभी मुद्दे मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं पैदा करते हैं." उन्होंने आगे कहा कि दो साल पहले उन्हें पैनिक अटैक आया था. इसलिए तब से वह थेरेपी ले रहे हैं और दवा ले रहे हैं. 

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