बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को हटाने वाले बिल पर विपक्ष के जोरदार हंगामे पर हैरानी जताई. मानसून सत्र के आखिरी दिन मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी. कंगना रनौत ने कहा, “सत्र का आखिरी दिन था. अध्यक्ष ने कहा ये सत्र जैसा गया वैसा अपेक्षित नहीं था. हमें (सत्ता पक्ष) 120 घंटे की चर्चा करनी थी, कई विषयों पर चर्चा करनी थी, कुछ भी नहीं हो पाया. बहुत ही कम सवालों के मौखिक जवाब दिए जा सके. स्पीकर ने हंगामा करने वालों को भी काफी फटकार लगाई है. इस व्यवहार से जनता के साथ देश का भी काफी नुकसान होता है.”
उन्होंने आगे कहा, “ये जो कह रहे हैं कि वोट्स फर्जी होते हैं या गड़बड़ी है, तो उनसे मैं कहना चाहूंगी कि एसआईआर प्रक्रिया तो पुरानी सरकारों के दौर में भी चलती थी. अब कोशिश उसे सेनेटाइज करने की हो रही है. वो चाहे घुसपैठिये हों, फेक वोटर्स हों, या डबल वोटर्स हों, सबकी पहचान जरूरी है. मैं पूछना चाहूंगी कि अगर उचित कार्य हो रहा है तो उसमें इनको जलन क्यों हो रही है? इनको तो हमारा साथ देना चाहिए. इस तरह से हंगामा करना, बेतुकी बातें करना, किसी तरह का एक्शन भी नहीं लेना, सॉरी भी नहीं बोलना, तो मैं तो कहूंगी ये बिगड़े हुए शहजादे हैं.”
बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री पर विपक्ष की ओर से कागज के गोले बनाकर फेंके गए. इसको भी कंगना रनौत ने बेहद शर्मनाक बताया था. उन्होंने कहा, “संसद में जो हुआ, जिस तरह का दृश्य हमने देखा, वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मिंदा कर देगा. जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में विधेयक पेश कर रहे थे, तब विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने उनका माइक हटाने की कोशिश की. उन्होंने विधेयक को फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह के मुंह पर फेंक दिया. संसद के भीतर कब तक ऐसा कब तक चलता रहेगा, यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है.”