मुंबई में कामिनी कौशल का अंतिम संस्कार, उनके कुत्ते भी अंतिम संस्कार में हुए शामिल 

अभिनेत्री कामिनी कौशल का 14 नवंबर, शुक्रवार को निधन हो गया. वे 98 वर्ष की थीं. निधन के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार शुक्रवार को न करने का फैसला लिया, क्योंकि उनका बेटा लंदन में था.

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कामिनी कौशल के अंतिम संस्कार में शामिल हुए उनके कुत्ते
नई दिल्ली:

हिन्दी सिनेमा की वरिष्ठ अभिनेत्री कामिनी कौशल (Kamini Kaushal Funeral) का 14 नवंबर, शुक्रवार को निधन हो गया. वे 98 वर्ष की थीं. निधन के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार शुक्रवार को न करने का फैसला लिया, क्योंकि उनका बेटा लंदन में था. उसके मुंबई पहुंचने का इंतजार किया गया और शनिवार सुबह वर्ली श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम यात्रा में परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उनके तीन पालतू कुत्ते भी मौजूद थे, जिन्हें कामिनी कौशल के बेहद करीब माना जाता था. परिवार ने उनकी अंतिम विदाई में उन्हें भी शामिल किया. मुखाग्नि उनके बड़े बेटे विदुर ने दी.

हर रोल में पसंद की गईं कामिनी कौशल 

कामिनी कौशल ने अपने सात दशकों से अधिक लंबे करियर में अनेक दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया. विशेष तौर पर वे अभिनेता-निर्देशक मनोज कुमार की फिल्मों में अक्सर उनकी मां की भूमिका में नजर आईं और दर्शकों के बीच उन्हें विशेष पहचान मिली. उनकी पहली फिल्म ‘नीचा नगर' (1946) थी, जिसे कान फिल्म फेस्टिवल में सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया. इसके बाद उन्होंने नायिका से लेकर चरित्र भूमिकाओं तक, हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई.

अंतिम वर्षों में भी फिल्मों में एक्टिव थीं कामिनी 

अपने करियर के अंतिम वर्षों में भी वे सक्रिय थीं. वे ‘कबीर सिंह' (2019) में शाहिद कपूर की दादी के किरदार में और ‘लाल सिंह चड्ढा' (2022) में कैमियो भूमिका में दिखाई दीं. कामिनी कौशल का जाना हिन्दी सिनेमा के स्वर्णिम अध्याय का अवसान है. उनकी सादगी, संवेदनशीलता और कला का प्रभाव हमेशा महसूस किया जाता रहेगा.
 

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