'कच्चा बादाम' के सिंगर की बदली ज़िंदगी, झोपड़ी से पहुंचे आलीशान घर तक, पर शोहरत के साथ छिन गया हक

kachcha badam singer bhuban badyakar: कच्चा बादाम’ वाले सिंगर भुबन बद्याकर की कहानी, जिन्होंने झोपड़ी से पक्के घर तक का सफर तय किया. वायरल फेम मिला, लेकिन गाने के राइट्स छिन गए.शोहरत, संघर्ष और सच्चाई से भरी यह कहानी सबके दिल को छू जाती है.

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कच्चा बादाम सिंगर का सड़क से स्टारडम तक का सफर
नई दिल्ली:

कहते हैं इंटरनेट पर एक वीडियो रातोंरात किसी की दुनिया बदल सकता है और इसका सबसे बड़ा सबूत हैं भुबन बद्याकर. पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव में रहने वाले इस साधारण से व्यक्ति की आवाज ने उस वक्त तहलका मचा दिया जब उन्होंने गाया-'कच्चा बादाम'.कभी सड़क किनारे बादाम बेचने वाले भुबन बद्याकर को शायद खुद भी नहीं पता था कि उनकी आवाज़ एक दिन पूरी दुनिया में गूंजेगी. साल 2021 में, जब उन्होंने अपनी ठेले पर खड़े होकर गाया- 'कच्चा बादाम', तो ये सिर्फ एक पुकार नहीं थी, वो एक धुन थी जो दिलों में उतर गई. इंटरनेट पर कुछ ही दिनों में लाखों लोगों ने इस गाने पर झूमना शुरू कर दिया. आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटीज तक हर कोई इस गाने का दीवाना हो गया.

एक सच्ची घटना से निकली ये धुन

भुबन ने हाल ही में यूट्यूबर निशु तिवारी से बात करते हुए बताया कि 'कच्चा बादाम' की कहानी कितनी सीधी लेकिन दिल छू लेने वाली है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, 'मैं बादाम बेचता था, और लोग अक्सर मेरा मोबाइल चुरा लेते थे. तब सोचा, चलो इस पर ही गाना बना देता हूं. लोग सुनेंगे तो हंसेंगे भी और सोचेंगे भी. किसी ने उनका ये गाना रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर डाल दिया. कुछ ही दिनों में ये गाना इतना वायरल हुआ कि भुबन का नाम हर जुबान पर था. बंगाल की गलियों से निकली ये आवाज़ अब बॉलीवुड तक पहुंच चुकी थी.

झोपड़ी से पक्के घर तक का सफर

वायरल होने से पहले भुबन की ज़िंदगी बेहद साधारण थी. मिट्टी की झोपड़ी में रहने वाले भुबन कहते हैं, पहले बस एक छोटी सी झोपड़ी थी… अब ये मेरा घर है. वो कहते हैं, अब उन्हें देखकर गांव के लोग गर्व महसूस करते हैं. कैमरे के सामने जब वो अपने नए घर का दरवाज़ा खोलते हैं, तो उस मुस्कान में एक जीत, एक संघर्ष और एक सुकून झलकता है.

नाम मिला, लेकिन हक़ चला गया

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस गाने ने पैसे भी दिलाए, तो भुबन ने ईमानदारी से कहा, 'मुंबई गया था… वहां से करीब 60-70 हजार रुपये मिले, फिर कोलकाता में एक लाख मिला लेकिन अब इस गाने का कॉपीराइट मेरे पास नहीं है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग बड़े-बड़े वादे लेकर आए, उनसे दस्तावेज़ों पर साइन करवाए और 'कच्चा बादाम' के अधिकार अपने नाम कर लिए.यानी जिस गाने ने उन्हें शोहरत दी, उसी ने उन्हें धोखा भी दे दिया.

फिर भी मुस्कुराहट बरकरार

हालांकि भुबन ने इस सबको कभी अपनी खुशी पर हावी नहीं होने दिया. वो कहते हैं, 'अब लोग मुझे जानते हैं, फोटो खिंचवाते हैं, बुलाते हैं- यही मेरे लिए सबसे बड़ी कमाई है.' कभी साइकिल पर बादाम बेचने वाले भुबन अब स्टेज पर परफॉर्म करते हैं, टीवी शो में बुलाए जाते हैं, और लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं.

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