कई गीतों के पीछे बहुत ही दिलचस्प कहानी होती है. कई गीत तो ऐसे होते हैं, जिन्हें किसी भी दौर में सुना जाए, उनको सुनने का मजा किन्हीं मायनों में कम नहीं होता है. साल 1972 में एक फिल्म रिलीज हुई थी, समाधि. फिल्म में धर्मेंद्र, आशा पारेख और जया भादुड़ी लीड रोल में थे. फिल्म को प्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट किया था. लेकिन इस फिल्म को खास बनाया इसके म्यूजिक ने. समाधि का ‘कांटा लगा' गाने को उस दौर में काफी पसंद किया गया. ‘कांटा लगा' गाने को लता मंगेशकर ने गाया और आर.डी. बर्मन ने इसका म्यूजिक दिया था जबकि मजरूह सुल्तानपुरी ने इसके बोल लिखे. इस गाने को आशा पारेख पर फिल्माया गया था.
समाधि की रिलीज के 30 साल बाद यानी 2002 में यह गाना एक बार फिर गूंजा. इस बार तो पूरा देश ही इस रीमिक्स गाने के जादू के फेर में आ गया. इस गाने को शेफाली जरीवाला पर फिल्माया गया था. इस गाने ने भी अपने ओरिजिनल गाने की तरह जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की. गाने के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि यह गाना दो दौर में आया, और दोनों ही बार अलग कलेवर में था. बेशक दौर कोई भी रहा, कलेवर कैसा भी था, लेकिन फैन्स पर इस गाने का जादू खूब चला. यह गाना लता मंगेशकर के लोकप्रिय गीतो में से हैं और उन्होंने जिस तरह इसे गाया है, वह अंदाज भी एकदम अलग है.
‘समाधि' फिल्म की बात करें तो यह साल 1972 की टॉप 10 फिल्मों की लिस्ट में शामिल थी. फिल्म में धर्मेंद्र का डबल रोल था. बताया जाता है कि फिल्म को 90 लाख रुपये में बनाया गया था जबकि इसने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी का परचम लहराते हुए लगभग 3.20 करोड़ रुपये की कमाई की. इस तरह मजबूत कहाना और लोकप्रिय गीतों की वजह से फिल्म ने सफलता की कहानी लिखी जबकि इसका ‘कांटा लगा' गीत हर दौर में सराहा गया.