असल जिंदगी से प्रेरित है 'जीत की जिद', एक्ट्रेस अमृता पुरी ने सीरिज को लेकर किया यह खुलासा

'जीत की जिद (Jeet Ki Zidd)' 22 जनवरी को रिलीज होने वाली है. हाल ही में सीरीज को लेकर एक्ट्रेस अमृता पुरी (Amrita Puri) ने एनडीटीवी से खास बातचीत की.

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नई दिल्ली:

एक्टर अमिता साध (Amit Sadh) और अमृता पुरी (Amrita Puri) स्टारर सीरीज 'जीत की जिद (Jeet Ki Zidd)' 22 जनवरी को रिलीज होने वाली है. असल जिंदगी से प्रेरित यह सीरीज जी5 पर रिलीज होगी. 'जीत की जिद' सीरीज करगिल युद्ध के हीरो दीपेन्द्र सिंह सेंगर के जीवन पर आधारित है. वेब सीरीज में अमित साध, दीपेन्द्र सिंह सेंगर (Deependra Singh Sengar ) का किरदार निभा रहे हैं वहीं, अमृता पुरी उनकी पत्नी जया सिंह का. हाल ही में अमृता पुरी ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने किरादर को लेकर कई बाते बताईं. 


-'जीत की जिद (Jeet Ki Zidd)' में आपने किस तरह का किरदार निभाया है, अपने कैरेक्टर को लेकर कुछ बताइये? इस सीरीज में, मैं जया का कैरेक्टर प्ले कर रही हूं. वह दीपेन्द्र सिंह सेंगर की वाइफ हैं और यह कहानी हम दोनों की कहानी है. जया और दीप आज भी जीवित हैं और वह अमेरिका में रहते हैं, यह उनकी कहानी है. दीप युद्ध के दौरान बुरी तरह से घायल हो गए थे. डॉक्टर ने कहा था कि वह कभी चल नहीं पाएंगे. इसके बावजूद भी जया ने उनसे शादी की. हालांकि, जया के परिवारवाले शादी करने  से मना कर रहे थे उनका मानना था कि जया को आने वाली जिंदगी में काफी मुश्किल होगी. लेकिन जया ने हार नहीं मानी और उन्होंने कहा कि अगर हमारी शादी पहले हुई होती और बाद में यह हादसा होता तब आप थोड़ी ये कहते कि छोड़ कर चली जाओ. वहां से उन दोनों की जर्नी शुरू होती है. वह कैसे अपनी जिंदगी बनाते हैं. व्हीलचेयर में होने के कारण दीप आर्मड फोर्सिस में काम नहीं कर पाए, लेकिन जया ने उन्हें हिम्मत दी. जया अपनी जिद पर अड़ी रही कि वह दीप से ही शादी करेगी. जया दीप से यह भी कहती है कि लड़ाई सिर्फ युद्धक्षेत्र में नहीं लड़ी जाती, तुम और भी बहुत कुछ कर सकते हो, जिससे दुनिया को बदल सको. जया की हिम्मत से दीप को भी प्रेरणा मिली.

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-जया का किरदार निभाते समय आपने कैसा महसूस किया?
अमृता पुरी (Amrita Puri) ने कहा, हां यह स्टोरी असल जिंदगीपर आधारित है, लेकिन हम इसकी गहराई में नहीं गए. हमने काफी सिनेमेटिक छूट भी ली है. ये नहीं है कि हम पूरी तरह से बता रहे हैं कि कैसे चीजें हुई थीं और यह भी नहीं है कि मैं पूरी तरह जया की तरह लगूं. लेकिन हमारे ऊपर काफी जिम्मेदारी थी क्योंकि हम किसी और की कहानी बता रहे थे. और दीप और जया इस फिल्म को देखने वाले हैं. तो थोड़ी टेंशन थी कि मैं चीजें ठीक से कर रही हूं?

-'जीत की जिद (Jeet Ki Zidd)' में काम करने का आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा? बेहद ही शानदारी एक्सपीरियंस रहा. क्योंकि लॉकडाउन के बाद हमने शूट किया. बहुत मुश्किल हुई क्योंकि बार-बार चीजें बदल रही थीं. कभी कर्फ्यू लग रहा था तो कभी हट रहा था. हर प्रदेश में अलग नियम थे. इस कारण हमारा शूट शेड्यूल भी बदलता रहा. और जब आप ऐसे माहौल में शूट कर रहे होते तो आप टीम के साथ काफी नजदीक हो जाते हो. हम किसी और से मिल भी नहीं रहे थे. हम बाहर के लोगों से भी नहीं मिल रहे थे. तो यह बेहद ही फ्रेंडली शूट था. 

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