शबाना आजमी से पहले जावेद अख्तर की जिंदगी में कोई और महिला थी. उस महिला का नाम है हनी ईरानी. जो जावेद अख्तर की जिंदगी में अचानक ही आ गईं. हालांकि शबाना आजमी के आने तक दोनों की शादी हैप्पी मैरिड लाइफ ही रही. लेकिन शबाना आजमी से शादी के बाद हनी ईरानी को काफी बुरे दौर से गुजरना पड़ा. लेकिन वो भी मुश्किलों को निभाना खूब जानती थीं. उन्होंने हार नहीं मानी और अपने दिन खुद अपने हाथों से बदले. हनी और जावेद के साथ की कहानी भी बेहद दिलचस्प है, जो एक ताश के पत्ते के साथ शुरू हुई.
शर्त से बन गया साथ
जावेद अख्तर की हनी ईरानी से पहली मुलाकात फिल्म सीता और गीता के सेट पर हुई थी. दोनों की मुलाकात का किस्सा भी दिलचस्प है. जावेद अख्तर और सलीम खान ताश खेल रहे थे. लेकिन जावेद अख्तर अपने पत्तों से खुश नहीं थे. उस वक्त हनी ईरानी ने कहा कि मैं अच्छा पत्ता निकाल सकती हूं. जवाब में जावेद अख्तर ने कहा कि ऐसा हुआ तो वो उनसे शादी कर लेंगे. इसके बाद हनी ईरानी ने जो ताश का पत्ता निकाला वो जावेद अख्तर के लिए अच्छा साबित हुआ और दोनों ने शादी कर ली.a
साड़ियों की कढ़ाई कर चलाया घर
दोनों की शादी में शबाना आजमी की वजह से दरार आ गई. अपनी शेरो शायरी के चक्कर में जावेद अख्तर अक्सर कैफी आजमी से मिलने जाया करते थे. वहीं शबाना आजमी से उनकी नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने शादी कर ली. हनी ईरानी ने जावेद अख्तर से तलाक ले लिया. वैसे तो जावेद अख्तर हनी ईरानी को घर खर्च देते थे, लेकिन दो बच्चों को सिर्फ उतने में पालना आसान नहीं था. हालात बदलने के लिए हनी ईरानी ने साड़ियों पर कढ़ाई करने का काम शुरू किया. इस बीच उन्होंने यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा को अपनी लिखी कहानी सुनाई. कहानी इतनी उम्दा थी कि यश चोपड़ा ने उसी पर आईना नाम की फिल्म बनाई. इसके बाद हनी ईरानी ने बहुत सी फिल्मों की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा और खुद की एक नई पहचान बनाई.
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