जावेद अख्तर और सलीम खान ने मिलकर एक से बढ़ कर एक बेहतरीन फिल्में लिखी हैं. सलीम-जावेद के नाम से इनकी जोड़ी का लोहा माना जाता था और इन्होंने मिलकर शोले जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में भी दीं. लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब ये जोड़ी टूट गई. इसके बाद दोनों उम्दा लेखकों ने अलग-अलग फिल्में लिखना शुरू कर दीं. इस जोड़ी के टूटने के बाद जावेद अख्तर ने जो पहली कहानी लिखी, उसे यादगार बनाया धर्मेंद्र के एक फैसले ने. धर्मेंद्र ने जोड़ी टूटने के बाद सबसे पहले जावेद अख्तर पर भरोसा जताया और उन्हें कहानी लिखने को दी. ये कहना गलत नहीं होगा कि जावेद अख्तर ने भी खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उनकी लिखी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया.
ये फिल्म न सिर्फ जावेद अख्तर की स्वतंत्र तौर पर बतौर राइटर पहली फिल्म थी. बल्कि इस फिल्म से धर्मेंद्र ने अपने बेटे सनी देओल को भी लॉन्च किया था. फिल्म का नाम था बेताब. जिससे सनी देओल ने फिल्मी दुनिया में डेब्यू किया. 1981 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में सनी देओल के साथ अमृता सिंह दिखाई दी थीं. ये अमृता सिंह की भी फर्स्ट मूवी थी. सलीम जावेद की जोड़ी टूटने के बाद जावेद अख्तर ने अकेले सबसे पहले यही मूवी की कहानी लिखी थी. बेताब फिल्म के गाने और स्टोर दर्शकों को खूब पसंद आई थी. इस फिल्म के बाद सनी देओल बतौर रोमांटिक और एक्शन हीरो फिल्म इंड्स्ट्री में जम गए और अमृता सिंह भी हिट हो गईं.
सलीम जावेद दोनों ने मिलकर करीब 23 फिल्में एक साथ लिखीं. जिसमें शोले, अंदाज, जंजीर, डॉन, काला पत्थर जैसी मूवीज शामिल हैं. उन दोनों आखिरी बार फिल्म बागबान के लिए कुछ साथ में लिखा. हालांकि ये अनऑफिशियल साथ था. अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म में अपने हिस्से की स्पीच जावेद अख्तर से लिखवाई थी और सलमान खान ने सलीम खान से. लेकिन दोनों का ही नाम फिल्म के क्रेडिट्स में नहीं दिया गया.
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