'ऊंची इमारतों से मकां मेरा घिर गया, कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए', जावेद अख्तर के बर्थडे पर बेहतरीन शायरी

Javed Akhtar Shayari: लेखक जावेद अख्तर आज अपना 76वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. इस मौके पर पढ़ें उनकी कुछ बेहतरीन शायरी.

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नई दिल्ली:

मशहूर शायर, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का आज जन्मदिन है. जावेद अख्तर आज अपना 76वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. जावेद अख्तर (Javed Akhtar Birthday) को पद्म श्री, पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार और पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. वे दीवार, ज़ंजीर और शोले जैसी फिल्मों की पटकथा लिख चुके हैं. उन्होंने कई सारी हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखे. जावेद अख्तर राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. जावेद अख्तर (Javed Akhtar Shayari) के बर्थडे पर पढ़ें उनकी कुछ बेहतरीन शायरियां.

कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है 
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी 


जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता 
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता 

ज़रा मौसम तो बदला है मगर पेड़ों की शाख़ों पर नए पत्तों के आने में अभी कुछ दिन लगेंगे 
बहुत से ज़र्द चेहरों पर ग़ुबार-ए-ग़म है कम बे-शक पर उन को मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे


डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से 
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा 

इन चराग़ों में तेल ही कम था 
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे 


ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया 
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए 

इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं 
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं 

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