तालिबान के विदेश मंत्री का जोर-शोर से स्वागत देख भड़के जावेद अख्तर, बोले- मेरा सिर शर्म से झुक जाता है जब मैं...

जावेद अख्तर ने कहा, "देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने "इस्लामी नायक" का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक है जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

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जावेद अख्तर ने तालिबान के विदेश मंत्री के स्वागत की निंदा की
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नई दिल्ली:

राइटर-गीतकार जावेद अख्तर ने नई दिल्ली यात्रा के दौरान अफगान तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के "स्वागत" की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनका "सिर शर्म से झुक गया है". मुत्तकी फिलहाल में भारत की छह दिन की यात्रा पर हैं, जो 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से किसी तालिबान नेता की भारत की पहली ऐसी यात्रा है. जावेद अख्तर ने सोमवार को एक्स पर लिखा, "जब मैं देखता हूं कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को उन लोगों द्वारा किस तरह का सम्मान और स्वागत दिया गया है जो सभी प्रकार के आतंकवादियों के खिलाफ मंच से आवाज उठाते हैं, तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है."

उन्होंने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद, जो दक्षिण एशिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामी मदरसों में से एक है, पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे मुत्तकी का "सम्मानपूर्ण स्वागत" करने के लिए भी हमला बोला.

अख्तर ने कहा, "देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने "इस्लामी नायक" का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक है जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. मेरे भारतीय भाइयों और बहनों!!! हमारे साथ क्या हो रहा है."

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति द्वारा तालिबान नेता पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध में छूट को मंजूरी दिए जाने के बाद मुत्ताकी भारत आए थे. 25 जनवरी, 2001 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उन्हें प्रतिबंधित सूची में डाल दिया था और उन पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्त और हथियार प्रतिबंध लगा दिए गए थे.

भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है. पिछले हफ्ते, दिल्ली में मुत्ताकी के मीडिया संवाद में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति को लेकर काफी विवाद हुआ था. कई विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी अनुपस्थिति को "अस्वीकार्य" और "महिलाओं का अपमान" बताया. कई प्रेस संस्थाओं ने भी अफगान विदेश मंत्री की आलोचना की.

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विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि इस प्रेस वार्ता में उसकी कोई भूमिका नहीं थी. जैसे ही विवाद बढ़ा, मुत्ताकी ने रविवार को एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कई महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि महिला पत्रकारों को बाहर करने का कोई इरादा नहीं था.

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