जन्माष्टमी 2025: राम और कृष्ण को समर्पित भजन ‘रामजी के चिरई, रामजी के खेत’ ने जीता सबका दिल

जन्माष्टमी 2025 के अवसर पर एक खास भजन ‘रामजी के चिरई, रामजी के खेत’ तेजी से वायरल हो रहा है. यह गीत भगवान श्रीकृष्ण और भगवान राम दोनों को समर्पित है और लोगों के दिलों को छू रहा है.

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'रामजी के चिरई, रामजी के खेत' गाने को खूब किया जा रहा पसंद
नई दिल्ली:

जन्माष्टमी 2025 के अवसर पर एक खास भजन ‘रामजी के चिरई, रामजी के खेत' तेजी से वायरल हो रहा है. यह गीत भगवान श्रीकृष्ण और भगवान राम दोनों को समर्पित है और लोगों के दिलों को छू रहा है. भोजपुरी आईटी सेल के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुए इस म्यूजिक वीडियो को सुरभि कश्यप, कुणाल मिश्रा और साकेत सुमन ने आवाज दी है. इस गीत को प्रसिद्ध गीतकार मनोज भावुक ने लिखा है, जबकि इसका म्यूजिक मोहित म्यूजिक और साकेत सुमन ने तैयार किया है. इसके निर्माता शैलेन्द्र द्विवेदी और निर्देशक दिग्विजय सिंह हैं.

मनोज भावुक ने इस गीत के माध्यम से राम और कृष्ण को महानायक बताया है, जो हमारे जीवन की लय और धड़कन में बसते हैं. उनका कहना है कि राम और कृष्ण की यादों से हमें सुख, शांति और आनंद मिलता है. इस गीत में दोनों देवताओं के जीवन और आदर्शों को खूबसूरती से दर्शाया गया है. मनोज भावुक ने फेसबुक पर लिखा कि यह गीत अंतिम आदमी तक पहुंचना चाहिए, क्योंकि राम-कृष्ण सभी के हैं.

गीत का संदेश भी बहुत प्रेरणादायक है. यह दो युगों के महान नायकों, राम और कृष्ण, के मिलन की बात करता है. गीत में भगवान कृष्ण की मुरली की मधुर धुन, भगवान राम के आदर्श और उनके द्वारा सिखाई गई सच्चाई को दर्शाया गया है. यह भजन बच्चों को राम और कृष्ण के जीवन को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित करता है.

‘रामजी के चिरई, रामजी के खेत' भजन जन्माष्टमी पर दर्शकों को एक अनमोल तोहफा है, जो आध्यात्मिकता और संस्कृति से जुड़ा हुआ है. यह गीत राम और कृष्ण की महिमा को सरल और भावुक अंदाज में प्रस्तुत करता है, जो हर किसी के दिल को छू जाता है. इस भजन को सुनकर हर कोई राम और कृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित होता है. यह गीत न केवल धार्मिक भावना जगाता है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी समृद्ध करता है.

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