जान्हवी कपूर ने बताया मां श्रीदेवी सुनाती थीं कहानियां, सिखाया कैसे की जाती है पिता की इज्जत

जान्हवी कपूर ने ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ की प्रमोशन के दौरान एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मां श्रीदेवी को याद किया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
जान्हवी कपूर ने शेयर की यादें
Social Media
नई दिल्ली:

बड़े शहरों में परिवार छोटे होते जा रहे हैं, ऐसे में दादा-दादी या नाना-नानी की सीख या संस्कार आज के बच्चों को शायद नहीं मिल पाते और इसी पर बात की ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' की लीड कास्ट वरुण धवन और जाह्नवी कपूर ने. वरुण ने बातचीत के दौरान कहा - “यह सबक बचपन में ही मिलता है—सुबह जल्दी उठकर पूजा करना, ये एक माला जपना, ये सारी चीजें आप सीखते हैं. उस समय यह सब बहुत पुराना और बेमानी-सा लगता है, लेकिन जब आप उसके पीछे का कारण समझते हो कि ये करने का या कहने का कारण क्या है, तब आपको उसका महत्व समझ आता है. लेकिन जिंदगी में जब आप बड़े हो जाते हो, चीजों से जुड़ने लगते हो तो फिर आपके लिए खोने के लिए बहुत कुछ होता है. बचपन में कुछ खोने के लिए होता ही नहीं है, आप सोचते ही नहीं हो इस तरह से. जिंदगी में जैसे-जैसे आगे बढ़ते हो एक डर बैठ जाता है कि जो पल अभी जी रहे हैं, क्या वो कल भी रहेंगे? क्या वही मजा फिर मिलेगा? तब आपकी सोच बदल जाती है और तब ये पूजा-पाठ, अध्यात्म बहुत काम आता है.

एक साधारण-सा शब्द है—दो अक्षरों का—ॐ. लेकिन जब इसे बोलते हैं तो कितनी ताकत मिलती है. आप अपने को भी शक्ति दे सकते हैं और किसी और को भी. यह एक सार्वभौमिक शब्द है, कोई वस्तु नहीं—समय और स्थान से परे और ये सब चीजें मुझे अपने दादा-दादी, नाना-नानी की बहुत याद दिलाती हैं.”

आगे जाह्नवी ने बोलते हुए अपने दादा-दादी और नाना-नानी के बारे में कहा, “मैंने तो अपने नाना-नानी को कभी देखा नहीं, लेकिन उनके बारे में बहुत सुना है. हां बचपन में दादा-दादी के साथ बहुत वक्त जरूर गुजारा है, काफी वक्त तक हम उनके साथ ही रहते थे. लेकिन मैंने हमेशा मां से कहानियां सुनी हैं कि वो कैसे अपने माता-पिता का आदर करती थीं, पापा से भी बहुत कुछ सीखा है. कुछ महीने पहले मेरी दादी का देहांत हो गया. लेकिन आखिरी दम तक पिता हर रोज उन्हें फोन करते थे, मिलने जाते थे. मुझे लगता है आज की दौड़-भाग में हम बहुत कुछ खो देते हैं—वो जुड़ाव और संबंध जो होता है परिवार से. हमें लगता है कि परिवार तो है ही, बाकी काम जरूरी हैं. लेकिन पिताजी ने कभी इस रिश्ते को नजरअंदाज नहीं किया. वो हमें भी हमेशा याद दिलाते रहे कि सबसे महत्वपूर्ण माता-पिता ही हैं और यही बात मेरे भीतर गहराई तक बैठी हुई है.”

‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' में वरुण और जाह्नवी भी एक बार फिर से साथ देखने को मिलेंगे. इस से पहले वो ‘बवाल' में साथ काम कर चुके हैं.

Featured Video Of The Day
Pawan Singh ने छोड़ा साथ तो Khesari Lal से मांगी मदद | Bihar Chunav में Jyoti Singh का चुनावी दांव!