कोई मोटा व्यक्ति दिखता है तो उसे बिना मांगे ही वजन कम करने की सलाह मिलने लगती है. कई बार ऐसे लोग या तो बॉडी शेमिंग का शिकार होते हैं और मजाक बन जाते हैं. अपने ही साथियों की बातें सुन सुनकर या तो फैट से फिट होने के लिए मोटिवेट होते हैं या अपनी हालत को देखकर निराश होने लगते हैं. ऐसे ही किसी दौर से गुजर रहे हों तो सारी चिंताओं को किनारे कर दीजिए. और, देखिए बॉलीवुड की कुछ ऐसी फिल्में जो ये यकीन दिलाएंगी कि मोटा होना कोई गुनाह नहीं है. बस ये आम बॉडी टाइप से अलग एक बॉडी टाइप है. जो आसामान्य नहीं है. बल्कि इसे एक्सेप्ट करके आगे बढ़ना ज्यादा आसान है. आप को बताते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जो मोटापे पर बनी हैं और मोटिवेट भी करती हैं.
दम लगा के हईशा
एक सामान्य कद काठी वाला पति और उसकी मोटी सी पत्नी. फिल्म की कहानी ऐसे ही दो किरदारों के इर्द गिर्द घूमती है. अपनी पत्नी के प्यार को समझने की जगह पति पहले अपनी पत्नी के मोटापे को देखकर ही उससे दूर दूर रहता है. लेकिन बाद में उसे अहसास हो ही जाता है कि मोटी पत्नी कोई सजा नहीं बल्कि प्यारा सा साथ है.
डबल एक्स एल
ये दो ऐसी युवतियों की कहानी है जो साइज जीरो की डिमांड वाली दुनिया में डबल एक्स एल वाला डील डौल लेकर घूम रही हैं. अपनी कद काठी को देखकर कभी निराश होतीं तो कभी एक दूसरे का हौंसला बढ़ातीं. और, फिर ये मान लेती हैं कि जैसी भी हैं वो उसी हाल में बेस्ट हैं.
साइज जीरो
अनुष्का शेट्टी की इस फिल्म का मैसेज बस यही है कि पतले और स्लिम होने की दौड़ में भागने से बेहतर है कि फिट रहने पर जोर दिया जाए. ये एक ऐसी युवती की कहानी है जिसके मोटापे के चलते उसे जीवनसाथी नहीं मिल पा रहा. वजन कम करने के लिए वो सब कुछ करती है लेकिन फायदे की जगह नुकसान होता है. बाद में इसी नतीजे पर पहुंचती है कि हेल्दी और खुश रहना ज्यादा बेहतर है.
शानदार
ये फिल्म वैसे मोटापे पर पूरी तरह से बेस्ड नहीं है. लेकिन हीरोइन यानी कि आलिया भट्ट की बहन का किरदार अदा करने वाली युवती भी कहानी का अहम हिस्सा है. जो दरअसल मोटापे की वजह से अपने होने वाले पति से बहुत से ताने सुनती है. आखिर में वो खुद पर कॉन्फिडेंस रखती है.
सरोज का रिश्ता
सरोज का रिश्ता एक ऐसी लड़की की कहानी है जो अपने प्यार को पाने के लिए वजन घटाना चाहती है. हालांकि सिचुएशन ऐसे टर्न्स लेती जाती है कि वजन के ऊपर जज्बात भारी पड़ जाते हैं.