क्या आपने कभी सोचा है कि पौराणिक कथाएं एनीमेशन के जादू से कैसे जीवंत हो सकती हैं? आश्विन कुमार के निर्देशन में बनी ‘महावतार नरसिम्हा' ने ठीक यही कर दिखाया है. ‘महावतार नरसिम्हा' दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर कुछ ऐसा चमत्कार कर दिखाया है जिसके बारे में फिल्म के मेकर्स ने भी सोचा नहीं होगा. दिलचस्प यह है कि जब ये फिल्म रिलीज हुई उस समय सिनेमाघरों में 'सैयारा' का क्रेज सातवें आसमान पर था. युवाओं के रोते हुए और फिल्म के लिए दीवानगी दिखाते हुए वीडियो वायरल हो रहे थे. लेकिन ‘महावतार नरसिम्हा' ने इस सारे क्रेज के बीच अपने लिए जगह बनाी और भारतीय एनिमेशन फिल्मों की दुनिया में मील का पत्थर साबित हुई.
‘महावतार नरसिम्हा' बजट और कलेक्शन (Mahavatar Narsimha Budget and Collection)
‘महावतार नरसिम्हा' का बजट आईएमडीबी के मुताबिक 40 करोड़ रुपये है जबकि इस एनीमेटेड फिल्म ने दुनियाभर में 304.2 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. जबकि भारत में इसका नेट कलेक्शन 235 करोड़ रुपये रहा है. बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे जहां इन दिनों 300 करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने का ख्वाब देख रहे हैं, वहीं 25 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म ने झंड़े गाड़ दिए हैं. यह अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय एनीमेटेड फिल्म बन चुकी है. यही नहीं आईएमडीबी पर इसे 10 में से 9.2 की शानदार रेटिंग मिली है.
‘महावतार नरसिम्हा' ट्रेलर (Mahavatar Narsimha Trailer)
‘महावतार नरसिम्हा' की कहानी (Mahavatar Narsimha Story)
फिल्म की कहानी विष्णु पुराण, नरसिंह पुराण और श्रीमद्भागवत पुराण से प्रेरित है. राक्षस हिरण्यकशिपु, जो अपने भाई हिरण्याक्ष की हत्या का बदला लेने के लिए ब्रह्मा से वरदान प्राप्त करता है, खुद को भगवान घोषित कर देता है. वह विष्णु भक्तों पर अत्याचार करता है, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु का अटूट भक्त बना रहता है. अंत में, भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट होकर राक्षस का संहार करते हैं. फिल्म में वराह अवतार की कहानी भी शामिल है. निर्देशक अश्विन कुमार ने इसे भावनात्मक और आध्यात्मिक यात्रा बनाया है. 131 मिनट की यह फिल्म हिंदी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल और मलयालम में रिलीज हुई है.
महावतार सीरीज की दूसरी फिल्में (Mahavatar Cinematic Universe)
क्लीम प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित और होमबाले फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत, यह महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स की पहली कड़ी है. अगली फिल्में: महावतार परशुराम (2027), महावतार रघुनंदन (2029), महावतार द्वारकाधीश (2031), महावतार गोकुलानंद (2033) और महावतार कल्कि (2035-2037)। यह 12 साल का प्लान विष्णु के दशावतार पर आधारित है. अश्विन कुमार ने इस सीरीज की फिल्मों में आने वाले दिनों में सरप्राइज की ओर भी इशारा कर दिया है.
यह क्यों मायने रखती है (Why it Matters)
अश्विन कुमार का डेब्यू एक मील का पत्थर है. यह फिल्म विष्णु के नरसिम्हा अवतार की कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचा रही है, जो आध्यात्मिकता और मनोरंजन का परफेक्ट ब्लेंड है. ‘महावतार नरसिम्हा' ने साबित किया कि भारतीय एनीमेशन भी वैश्विक हो सकता है. इसके साथ ही ये भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी है.