इला अरुण की बेटी इशिता ने बॉलीवुड पर लगाया भेदभाव का आरोप, बोलीं- 'यहां शारीरिक बनावट से जज करते, मेरी मां को हमेशा...'

एक बार फिर मशहूर गायिका और एक्ट्रेस रहीं इला अरुण की बेटी इशिता अरुण ने बॉलीवुड पर कथित भेदभाव का आरोप लगाया है. इशिता ने कहा कि बॉलीवुड ने हमेशा मेरी मां इला अरुण के साथ नाइंसाफी की है.

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इला अरुण की बेटी ने लगाया बॉलीवुड पर भेदभाव का आरोप
नई दिल्ली:

बॉलीवुड इंडस्ट्री पर अक्सर भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप करना इस इंडस्ट्री के लिए कोई नई बात नहीं है. एक बार फिर मशहूर गायिका और एक्ट्रेस रहीं इला अरुण की बेटी इशिता अरुण ने बॉलीवुड पर कथित भेदभाव का आरोप लगाया है. इशिता ने कहा कि बॉलीवुड ने हमेशा मेरी मां इला अरुण के साथ नाइंसाफी की है. इशिता ने ये सारी बाते तब कहीं जब बतौर एक्ट्रेस एक इंटरव्यू में उनकी मां को लेकर जिक्र किया गया. आपको बता दें कि हाल ही में इशिता अरुण हंसल मेहता की वेब सीरीज स्कूप में नज़र आई थीं. इस सीरीज में उनके साथ हरमन बवेजा और जीशान अय्यूब भी थे.

हमेशा वेश्या या नौकरानी का मिला रोल 

'रेशम का रुमाल गले में डाल', आज भी इस गाने पर लोग मस्ती में झूमते हैं.  इला अरुण के गाए हुए एक नहीं बल्कि कई गाने मशहूर हुए हैं. वो राजस्थानी लोक गायिकी में काफी मशहूर हैं और उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया है. अब इला अरुण की बेटी इशिता अरुण भी बॉलीवुड में कदम रख चुकी हैं. एक बातचीत में इशिता ने कहा कि उनकी मां एक बेहतरीन एक्टर थीं, लेकिन वेश्या या नौकरानी के सिवा उनको ज्यादा रोल नहीं दिए गए. ये उनके साथ बॉलीवुड की नाइंसाफी ही थी. 

बचपन में मां के रोल्स का मजाक उड़ाती थीं इशिता

इशिता अरुण की शादी को 18 साल हो चुके हैं. उनकी शादी ध्रुव घनेकर के साथ हुई थी. अपनी मां को लेकर जज्बाती हुई इशिता ने कहा कि वो अपनी मां को मिले रोल्स का अक्सर मजाक उड़ाती हैं. हालांकि उनकी मां इला बेहद टेलेंटेड हैं, वो शानदार गाती हैं और एक शानदार लेखक भी हैं. हिंदी और उर्दु भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है. इशिता ने कहा कि इतना टेलेंट होने के बाद भी मां को कम ही रोल्स मिले और वो बेहद कमजोर थे. 

शारीरिक बनावट से जज करते थे लोग 

इशिता ने कहा कि इला अरुण को पहली फिल्म श्याम बैनेगल के बैनर की मिली थी, लेकिन आगे जाकर उनके रोल कमजोर हो गए. दरअसल बॉलीवुड टैलेंट की बजाय शारीरिक बनावट से लोगों को जज करता है और यही वजह रही कि मां को नौकर या बुनकर जैसे रोल मिले. इशिता ने कहा कि ओटीटी आने के बाद उनकी मां को अपना काम दिखाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा उनकी मां अभी भी काम कर रही हैं तो उनको काम देना चाहिए, ना कि मरने के बाद उनका स्मारक बनवाना चाहिए.

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