आज रिलीज हुई तो थियटर जलने पक्के... 90s में रिलीज हुई थी फिल्म, दो देशों में हुई बैन, दोबारा रिलीज पर सिनेमेटोग्राफर ने कही बात

1995 में रिलीज हुई बाबरी मस्जिद दंगों पर आधारित फिल्म बॉम्बे के दोबारा रिलीज होने पर सिनेमेटोग्राफर राजीव मेनन ने तीखे बोल कहे हैं.

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मणिरत्नम की इस फिल्म को कर दिया गया था दो देशों में बैन
नई दिल्ली:

साउथ के लेजेंड्री डायरेक्टर मणि रत्नम पूरे इंडिया के साथ-साथ दुनिया भर में अपनी फिल्मों की छाप छोड़ चुके हैं. सुपरहिट म्यूजिक के साथ फिक्शन और रियलिटी का परफेक्ट मिश्रण करने वाली मास एंटरटेनर फिल्में मणि रत्नम की यूएसपी रही हैं. 1995 में आई बाबरी मस्जिद दंगों पर आधारित फिल्म बॉम्बे इसकी ही मिसाल है. मणि रत्नम की कामयाब फिल्म गुरु और कदल में उनके सिनिमेटॉग्राफर रहे राजीव मेनन ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बॉम्बे को आज की फिल्मों से तुलना करते हुए टिप्पणी करते हुए तीखे बोल कहे.   

राजीव ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि बॉम्बे फिल्म को रिलीज हुए तीन दशक हो चुके हैं और आज के मुकाबले तब भारत ज्यादा सहनशील था. उन्होंने कहा कि आज के दौर में इतनी संवेदनशीलता है कि बॉम्बे जैसी फिल्म बनाना और बिना विवाद के थिएटर में रिलीज करना लगभग नामुमकिन है. उन्होंने कहा, “मुद्दा ये है कि आज बॉम्बे जैसी पूरी फिल्म बन ही नहीं सकती. क्योंकि भारत में हालात इतने नाजुक हो गए हैं, लोग अपने विचारों को लेकर इतने कट्टर हो गए हैं, और धर्म एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है. मुझे नहीं लगता कि आप आज बॉम्बे जैसी फिल्म बना सकते हैं और उम्मीद करें कि थिएटर जलेगा नहीं. 25-30 सालों में भारत कम सहनशील हो गया है.” 

राजीव ने फिल्म में मनीष कोइराला के किरदार ने तू ही रे गाने में बुर्के के बारे में बताते हुए कहा  "ये किसी खास आइडिया के साथ नहीं था. बस एक ही कपड़े से बोरियत हो गई थी. हमारे पास कोई डांस मास्टर भी नहीं था. हम बस जैसे महसूस करते थे, वैसे ही प्लान करते थे और शूट करते थे.”

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बता दें कि 1995 में आई अरविंद स्वामी और मनीषा कोइराला स्टारर फिल्म बॉम्बे एक कमर्शियल सक्सेस थी और क्रिटिक्स की ओर से बढ़िया रिस्पॉन्स मिला था. हालांकि इस फिल्म को सिंगापुर और मलेशिया में रिलीज के बाद बैन कर दिया गया था.

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