इब्राहिम-खुशी का बचाव करने उतरे हंसल मेहता, सैफ के बेटे की डेब्यू फिल्म फ्लॉप होने के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के बेटे इब्राहिम अली खान की डेब्यू फिल्म नादानियां दर्शकों का दिल जीत नहीं पाई है. इसी के साथ ही इस यंग एक्टर को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा है.

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इब्राहिम अली खान को हंसल मेहता ने दी ये सलाह
नई दिल्ली:

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के बेटे इब्राहिम अली खान की डेब्यू फिल्म नादानियां (Nadaaniyan) दर्शकों का दिल जीत नहीं पाई है. इसी के साथ ही इस यंग एक्टर को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा है. हालांकि, दिग्गज फिल्म निर्माता हंसल मेहता (Hansal Mehta) इब्राहिम और उनकी को-एक्टर खुशी कपूर (Khushi Kapoor) का बचाव करने के लिए आगे आए हैं, और उन्हें मिली अनुचित आलोचना की निंदा की है. क्या कहा है उन्होंने चलिए आपको बताते हैं.

हंसल मेहता ने बताया कि बॉलीवुड के कुछ सबसे बड़े नामों सहित कई स्टार किड्स के माता-पिता ने अपने करियर की शुरुआत साधारण और अक्सर अजीबोगरीब तरीके से की थी. हालांकि, वे भाग्यशाली थे कि उन्होंने सोशल मीडिया के आगमन से पहले के युग में शुरुआत की, जब पब्लिक स्क्रूटनी इतनी इंटेंस नहीं थी. इसने उन्हें लोगों की लगातार नजरों में आए बिना अपने शुरुआती संघर्षों को पार करने का मौका दिया.

फिल्ममेकर्स पर उठाया सवाल

यंग एक्टर्स को दोष देने के बजाय, मेहता ने फिल्म निर्माताओं और सलाहकारों पर ध्यान केंद्रित किया जो उनका मार्गदर्शन करते हैं. उन्होंने कहा कि न्यूकमर्स को लॉन्च करते समय केवल उनके मशहूर घरानों पर भरोसा करने के बजाय सावधानीपूर्वक विचार और प्लानिंग पर जोर देना चाहिए.

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मेहता ने इंडस्ट्री में स्टार किड्स को सिर्फ़ उनके पारिवारिक संबंधों के कारण खुद को बेहतर समझने की जगह अपनी स्किल्स पर ध्यान देने की सलाह दी. उन्होंने ईटाइम्स से कहा, "आप सिर्फ़ यह नहीं मान सकते कि कोई व्यक्ति सिर्फ़ इसलिए अच्छा होगा क्योंकि वह किसी ख़ास वंश से आता है. इसलिए, इस लिहाज से, उन्हें अधिकार का झूठा अहसास देकर लॉन्च करना और भी अनुचित है. मुझे लगता है कि वह अधिकार तैयारी से आना चाहिए".

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न्यूकमर्स को सलाह

हंसल मेहता ने आगे कहा, "युवा अभिनेताओं से मेरा एकमात्र अनुरोध है कि वे जमीन से जुड़े रहें, लगन से काम करें और अपने स्किल पर ध्यान दें. जब वे असाधारण प्रदर्शन करते हैं, तो फ़िल्म की बॉक्स ऑफ़िस सफलता की परवाह किए बिना, वे निस्संदेह सम्मान पाएंगे. उनका लक्ष्य अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के लिए पहचान और प्रशंसा पाना होना चाहिए".

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