'मुझे मरने की कोई जल्दी नहीं...', जब सतीश शाह ने अपनी मौत पर की थी बात, कमबैक का किया था वादा

एक्टर सतीश शाह का टीवी और फिल्मों में चार दशक लंबा करियर रहा. 1976 में बोंगा में उन्होंने एक छोटे से रोल से करियर की शुरुआत की.

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सतीश शाह ने अपनी मौत पर की थी ये बात
नई दिल्ली:

एक्टर सतीश शाह का टीवी और फिल्मों में चार दशक लंबा करियर रहा. 1976 में बोंगा में उन्होंने एक छोटे से रोल से करियर की शुरुआत की. वह कुछ सबसे मशहूर टीवी सिटकॉम में लीड रोल और कई बड़ी बॉलीवुड हिट फिल्मों में सपोर्टिंग रोल में दिखे. एक्टर 2014 के बाद पब्लिक परफॉर्मेंस से दूर हो गए और तब से सिर्फ दो बार लौटे. एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने अपने इस फैसले और अपनी मौत के बारे में भी बात की. सतीश शाह की आखिरी फिल्म 2014 में हमशकल्स थी. इसके बाद उन्होंने 2006 में साराभाई वर्सेस साराभाई खत्म होने के बाद से टीवी पर एक्टिंग नहीं की. 2014 के बाद उन्होंने ने 2017 में साराभाई वर्सेस साराभाई 2 में इंद्रवदन साराभाई के रूप में अपनी भूमिका को फिर से निभाने के लिए कुछ समय के लिए वापसी की, जिसके बाद 2023 में ज़ी5 के सिटकॉम यूनाइटेड कच्चे में उनका आखिरी परफॉर्मेंस था.

मौत और एक्टिंग पर सतीश शाह
उस समय, एक्टर ने न्यूज़ 18 से बात की और एक्टिंग से दूर जाने के अपने फैसले के बारे में बात की. “मैंने अब पब्लिक में परफॉर्म करना बंद कर दिया है. आप कह सकते हैं, एक ब्रेक लिया है, और यह काफी लंबा समय रहा है. पहले से मेरी फितरत में रहा है, मैं कोई चीज़ एन्जॉय करता हूं तभी करता हूं.”

हालांकि, एक्टर ने कहा कि वह खुद को रिजुविनेट करेंगे और वापस आएंगे. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है, खुद को समय नहीं दे पा रहा हूं. इसलिए मैंने सोचा कि शायद मैं खुद को रिजुविनेट कर लूं और फिर सब कुछ फिर से शुरू कर दूं. मुझे मरने की कोई जल्दी नहीं है.” लेकिन अफसोस, वह वादा अधूरा रह गया.

सतीश शाह की मौत
सतीश शाह की शनिवार को मुंबई में उनके घर पर  मौत हो गई. उन्हें हिंदुजा हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन हॉस्पिटल के एक बयान के मुताबिक, उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनके दोस्तों और परिवार ने बताया कि एक्टर कुछ समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे, यहां तक कि दो महीने पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था.

फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (FTII) के पुराने स्टूडेंट, सतीश शाह 80 और 90 के दशक में 'ये जो है ज़िंदगी', 'फ़िल्मी चक्कर' और 'घर जमाई' जैसे सिटकॉम से घर-घर में मशहूर हो गए थे. वह 'हम आपके हैं कौन', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'मैं हूं ना', 'फ़ना' और 'ओम शांति ओम' जैसी कई बड़ी बॉलीवुड हिट फ़िल्मों में भी दिखे. बड़े पर्दे पर, उन्हें शायद सबसे ज़्यादा मज़ेदार कॉमेडी फ़िल्म 'जाने भी दो यारो' में एक लाश का रोल करने के लिए याद किया जाता है.

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