बॉलीवुड संगीत जगत में कुछ ही गायकों की आवाज में ऐसा जादू होता है, जिसे सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. उदित नारायण ऐसे ही गायक हैं. उनकी आवाज में जो मिठास और नर्म एहसास है, वह किसी के भी दिल को छू जाता है. यही कारण है कि भारत की संगीत सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने उन्हें खास तौर पर 'प्रिंस ऑफ प्लेबैक सिंगिंग' का खिताब दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंगर उदित नारायण अब तक कितने गाने गा चुके हैं? वहीं उन्हें इंडस्ट्री में कितने साल हो गए हैं? अगर नहीं तो हम आपको उदित नारायण के अवॉर्ड्स से लेकर गानों के बारे में बताने वाले हैं...
पिता किसान तो मां थीं लोक गायिका
उदित नारायण की कहानी संघर्ष, मेहनत और जुनून की कहानी है. उदित नारायण का जन्म 1 दिसंबर 1955 को नेपाल के सपतारी जिले में एक मैथिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता हरेकृष्ण झा एक किसान थे और मां भुवनेश्वरी झा एक लोक गायिका थीं.मां से ही उदित में संगीत के प्रति रुचि पैदा हुई. उन्होंने बचपन से ही गांव और स्कूल के छोटे-छोटे स्टेज पर गाना शुरू कर दिया था. 1971 में उन्हें काठमांडू रेडियो पर पहली बार गाने का मौका मिला. उन्होंने वहां मैथिली गाना 'सुन-सुन-सुन पनभरनी गे तनी घुरिये के तक' गाया, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया. यही उनके करियर की पहली महत्वपूर्ण पहचान थी.
1980 में उदित नारायण ने गाया पहला गाना
संगीत में करियर बनाने की चाह में वे 1978 में मुंबई आ गए. शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने एक होटल में 100 रुपए की सैलरी पर काम किया और इसी बीच भारतीय विद्या भवन से संगीत की शिक्षा भी ली. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें बॉलीवुड में मौका दिलाया. 1980 में उन्हें फिल्म 'उन्नीस बीस' के लिए अपना पहला गाना गाने का अवसर मिला. इस गाने में उन्होंने महान गायक मोहम्मद रफी के साथ आवाज मिलाई.
डेब्यू के 8 साल बाद मिली उदित नारायण को पहचान
लेकिन उन्हें असली पहचान 1988 में मिली, जब उन्होंने आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 'कयामत से कयामत तक' के लिए गाना 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाया. यह गाना इतना लोकप्रिय हुआ कि उदित को पहली बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला और उनके करियर को नई ऊंचाई मिली. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उदित नारायण ने 'कुछ कुछ होता है', 'हम साथ-साथ हैं', 'धड़कन', 'तेरे नाम', 'स्वदेश', 'वीर-जारा' जैसी कई फिल्मों के लिए आवाज दी.
उदित नारायण गा चुके हैं इतने गाने
उदित नारायण की आवाज में जो मिठास और जादू है, वह लता मंगेशकर को भी प्रभावित कर गया. उन्होंने उदित को 'प्रिंस ऑफ प्लेबैक सिंगिंग' कहा. लता मंगेशकर के साथ कई गानों ने उनके करियर को और मजबूती दी. उनके गाने सिर्फ सुपरहिट ही नहीं, बल्कि आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. उदित नारायण को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले. उन्हें 2009 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, उन्होंने चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीते. उन्होंने अपनी आवाज से 30 से ज्यादा भाषाओं में 15,000 से ज्यादा गाने गाए.
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