बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस हिमानी शिवपुरी (Himani Shivpuri) इन दिनों एंडटीवी के शो 'हप्पू सिंह की उलटन पलटन' में नजर आ रही थीं. इस शो में वह कटोरी अम्मा का किरदार अदा कर रही हैं, जिसे खूब पसंद भी किया जा रहा है. लेकिन हिमाशी शिवपुरी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में फंस गई थीं. वर्ल्ड कैंसर डे के इस मौके पर हिमानी शिवपुरी ने कैंसर और इस भयानक बीमारी से अपनी जंग के बारे में भी बात की. हिमानी शिवपुरी ने बताया कि जब पहली बार उन्हें कैंसर से जुड़े लक्षण का पता चला था तो वह घबरा गई थीं और उन्होंने प्रार्थना की कि वह जल्दी से ठीक हो जाएं.
हिमानी शिवपुरी (Himani Shivpuri) ने कैंसर से जुड़ी अपनी जंग के बारे में बातें करते हुए कहा, "जब मुझे पहली बार कैंसर के लक्षण नजर आये तो मैंने तुरंत अपने डॉक्टर से बात की और टेस्ट करवाये. मैं बहुत घबरायी हुई और बेचैन थी, बस यही उम्मीद और प्रार्थना कर रही थी कि सब ठीक हो, लेकिन जांच के बाद मेरे सेल्स में ट्यूमर पाया गया. मुझे तुरंत ही ऑपरेशन करवाने को कहा गया, ताकि वे पता लगा सकें कि वह कैंसर है या नहीं. बायोप्सी रिपोर्ट से साबित हो गया कि मुझे कैंसर है और मैं उस बात को मानने से पूरी तरह इनकार कर रही थी. मैं यह मानने को तैयार ही नहीं थी कि मुझे इतनी खतरनाक बीमारी हो गयी है, लेकिन फिर मैंने खुद को संभाला और मेडिकल टीम का पूरा साथ दिया."
हिमानी शिवपुरी (Himani Shivpuri) ने आगे बताया कि डॉक्टरों ने कैंसर से पूरी तरह निजात पाने के लिये कीमोथैरेपी के छह सेशन करवाने की सलाह दी.मैं तुरंत ही मान गयी, बिना यह जाने कि रिकवरी का यह सफर कितना मुश्किल होने वाला है. पहले कीमोथैरेपी सेशन के बाद ही, मैं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली के लिये निकलने वाली थी. लेकिन, सफर वाले दिन कीमोथैरेपी के तगड़े इंजेक्शन के डोज से मुझे फ्लाइट पर काफी असहज महसूस होने लगा, इसलिये मुझे अटेंडेंट से कहना पड़ा कि मुझे प्लेन से उतार दें और मैं डॉक्टर की बताई दवा खरीद लूं और ठीक महसूस कर सकूं.
हिमानी शिवपुरी (Himani Shivpuri) ने आगे बताया कि दिल्ली से लौटने के बाद मैंने अपनी कीमोथैरेपी का सेशन खत्म किया और अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक मैं हर साल चेक-अप करवाती हूं. मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैं एक कैंसर सर्वाइवर हूं और मैं उन लोगों से कहना चाहूंगी कि यदि कैंसर का पता चलता है तो अपना ख्याल रखें. जैसा कि मैं हमेशा ही कहती आयी हूं आप या तो पीड़ित हो सकते हैं या फिर विजेता. यह तो बस सोचने का तरीका है."