हाय जिंदगी ट्रेलर: पुरुषों की सुरक्षा पर उठी बड़ी आवाज, 31 अक्टूबर को रिलीज होगी फिल्म

निर्माता सुनील कुमार अग्रवाल और निर्देशक अजय राम की फिल्म 'हाय जिंदगी' का जबरदस्त ट्रेलर मुम्बई में भव्य रूप से लॉन्च किया गया. सत्य घटनाओं से प्रेरित होकर और एक ज्वलन्त मुद्दे पर आधारित ये फिल्म 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों मे रिलीज होने वाली है.

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हाय जिंदगी' का जबरदस्त ट्रेलर हुआ लॉन्च
नई दिल्ली:

निर्माता सुनील कुमार अग्रवाल और निर्देशक अजय राम की फिल्म 'हाय जिंदगी' का जबरदस्त ट्रेलर मुंबई में भव्य रूप से लॉन्च किया गया. सत्य घटनाओं से प्रेरित होकर और एक ज्वलन्त मुद्दे पर आधारित ये फिल्म 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों मे रिलीज होने वाली है. सी. आर. फिल्म्स और सुनील अग्रवाल फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म हाय जिंदगी की शूटिंग उत्तर प्रदेश के मथुरा में की गयी है. फिल्म मे गौरव सिंह, गरिमा सिंह, आयुशी तिवारी, सोमी श्री. दीपांशी, और ऋषभ शर्मा जैसे कलाकार नजर आएंगे. ट्रेलर लॉन्च पर निर्माता निर्देशक के अलावा मुख्य कलाकार गौरव सिंह, गरिमा सिंह, आयुशी तिवारी और संगीतकार आदित्य राज शर्मा, गीतकार जमील अहमद, कोरियोग्राफर रवि अखाड़े, उपस्थित थे. 

ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक युवा पुलिस स्टेशन में जाकर बोलता है कि चार लड़कियों ने मिलकर उसका शारीरिक शोषण किया है, जिस पर पुलिस वाले हंसते हुए कहते हैं कि ओ तेरी ये कब से होने लगा? ट्रेलर के अंत में एक किरदार द्वारा कहलाया जाता है कि पुरुषों की सुरक्षा के लिए भी कोई ऐक्ट होना चाहिए. निर्माता सुनील कुमार अग्रवाल ने कहा कि जब भारत सरकार ने बीएनएस लॉन्च किया तो चूंकि मैं खुद एक वकील हूं भारतीय न्याय संहिता का गहराई से अध्ययन किया तो मुझे नए कानून में कमी नजर आई. कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए, लॉ मे लिंग के अनुसार भी समानता होना चाहिए.

सितंबर 2025 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने नए कानून बीएनएस पर चर्चा करते हुवे कहा कि वयस्क पुरुष पीड़ितों के पास कोई उपाय नहीं है. एक लेक्चर में उन्होंने तर्क दिया कि बीएनएस ने इस असमानता को दूर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर गंवा दिया. उन्होंने चिंता जताई कि इस नए कानून के कारण यौन उत्पीड़न के शिकार पुरुष पीड़ितों के लिए कानूनी बचाव की कमी हो गई है.

प्रोड्यूसर सुनील कुमार अग्रवाल ने आगे कहा कि मैं इस फिल्म के माध्यम से एक आवाज बुलंद करने जा रहा हूं. पुरुष यदि महिला से प्रताड़ित होता है तो वह अपनी शिकायत नहीं कर सकता. क्या पुरुषों के साथ घरेलू हिंसा नहीं हो रही है? आज के समाज में पुरुषों को भी सुरक्षा की जरूरत है. या तो इस ऐक्ट मे बदलाव लाया जाए या नया कानून बने जो पुरुषों को भी समान अधिकार दे. फिल्म की कहानी इस मामले के इर्दगिर्द घूमती है. 

निर्माता निर्देशक अजय राम ने कहा कि 2017 में ये कहानी लिखी गई थी. सुनील कुमार अग्रवाल ने इस में नए कानून के अनुसार काफी बदलाव किए हैं. फिल्म मे चार गीत भी हैं. फिल्म में राजनंदनी शर्मा और आदित्य राज शर्मा का गाया गीत कान्हा की मुरली बाजे एक बेहतरीन गीत है. हमने हाल ही में अपना ओटीटी ऐप 'सीआरएफ स्टूडियोज' भी लांच किया है.

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