'गणेश चतुर्थी लोगों को एक साथ लाने का पर्व है', हेमा मालिनी बोलीं- नृत्य से भगवान से सीधा जुड़ाव महसूस होता है

आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस शुभ अवसर पर आम लोगों से लेकर बॉलीवुड सितारे भी अपने-अपने तरीके से बप्पा का स्वागत कर रहे हैं और शुभकामनाएं दे रहे हैं. दिग्गज अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने भी इस पर्व पर अपने विचार साझा किए.

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हेमा मालिनी ने गणेश चतुर्थी पर साझा किए अपने विचार
नई दिल्ली:

आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस शुभ अवसर पर आम लोगों से लेकर बॉलीवुड सितारे भी अपने-अपने तरीके से बप्पा का स्वागत कर रहे हैं और शुभकामनाएं दे रहे हैं. दिग्गज अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने भी इस पर्व पर अपने विचार साझा किए. न्यूज एजेंसी ANI से एक इंटरव्यू में हेमा मालिनी ने कहा कि गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह लोगों को आपस में जोड़ने का माध्यम भी है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में कई सालों पहले यह परंपरा इसलिए शुरू की गई थी ताकि समाज के लोग एक-दूसरे के करीब आएं और एकता का संदेश मिले. उनके अनुसार, यह उत्सव केवल भगवान गणेश की पूजा का नहीं बल्कि समाज में भाईचारा और प्रेम बढ़ाने का भी प्रतीक है.

इसके साथ ही हेमा मालिनी ने अपनी व्यक्तिगत आध्यात्मिक यात्रा के बारे में भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि उनकी आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा माध्यम उनका नृत्य है. हेमा मालिनी ने बताया कि वह एक कलाकार और नृत्यांगना हैं, और जब भी वह नृत्य करती हैं तो उन्हें भगवान से सीधा जुड़ाव महसूस होता है. उनके अनुसार, उन्हें भजनों में बैठकर ध्यान करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनका नृत्य ही उनकी साधना है और उसी में उन्हें आध्यात्मिक शांति मिलती है.

उन्होंने यह भी कहा कि कला और संस्कृति के जरिए ईश्वर से जुड़ना उनके जीवन का अहम हिस्सा रहा है. नृत्य के माध्यम से उन्हें न केवल आत्मिक सुख मिलता है बल्कि अपने जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाए रखने की प्रेरणा भी मिलती है. हेमा मालिनी के इन विचारों से साफ है कि गणेश चतुर्थी का पर्व उनके लिए केवल एक धार्मिक अवसर नहीं बल्कि आत्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का साधन है.

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