400 से ज्यादा फिल्मों में बने पुलिस अफसर, असली हवलदार भी करते थे सलाम, बेटी की मौत का लगा सदमा, 1 महीने बाद ही...

He played role of a police officer in more than 400 films : 60-70 के दौर के वो एक्टर तो आपको याद होंगे, जिन्होंने कई फिल्मों में पुलिस अफसर का किरदार निभाया और उनकी एक्टिंग को बड़े पर्दे पर देखकर असली हवलदार भी उन्हें सैलूट करने आते थे.

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iftekhar played role of a police officer 400 से ज्यादा फिल्मों में पुलिस अफसर बना ये एक्टर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई सारे चेहरे हैं, जिन्हें एक पार्टिकुलर रोल के लिए जाना जाता हैं. 60-70 के दशक की फिल्मों को देख लीजिए, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर, वकील या जज के रोल में एक जाना पहचाना चेहरा ही हमेशा नजर आता था. उसी तरह से पुलिस के रोल में मशहूर एक्टर इफ्तिखार को इतनी बार देखा गया कि असली पुलिस वाले भी उन्हें सलाम करते थे. उन्होंने एक दो नहीं बल्कि 400 फिल्मों में पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया, इसमें जंजीर, दीवार, डॉन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में भी शामिल हैं. आइए हम आपको बताते हैं आज उन्हीं एक्टर के बारे में.

अशोक कुमार ने दिलाया इफ्तिखार को पहला ब्रेक

बॉलीवुड एक्टर इफ्तिखार को बॉलीवुड का रुख करने के बाद अशोक कुमार ने पहला ब्रेक दिलवाया. वह फिल्म इत्तेफाक में पहली बार इंस्पेक्टर बने, लेकिन उन्होंने इस रोल को इतनी शिद्दत से निभाया की हर फिल्म में उन्हें पुलिस ऑफिसर के रोल में लिया जाने लगा. एक दौर ऐसा आया कि हिंदी फिल्मों में जब भी कोई स्क्रिप्ट लिखता और इंस्पेक्टर का रोल आता, तो इफ्तिखार का ही ध्यान आता. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन की फिल्मों में पुलिस अफसर का रोल निभाया और 400 से ज्यादा फिल्में की, जिसमें जंजीर, डॉन, जोरू का गुलाम, द ट्रेन, खामोशी, महबूब की मेहंदी, राजपूत और आवाम जैसी फिल्में थीं.

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बेटी के सदमे में गई जान

22 फरवरी 1924 को जालंधर, पंजाब में जन्मे इफ्तिखार ने 1944 में फिल्म तकरार से अपने करियर की शुरुआत की. पार्टीशन के दौरान उनके माता-पिता, भाई-बहन और कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए, लेकिन इफ्तिखार को भारत में रहना पसंद था, इसलिए वह अपनी बीवी और बेटियों के साथ मुंबई चले आए. बताया जाता है कि उनकी दो बेटियां थीं, सलमा और सईदा. सईदा को कैंसर हो गया और फरवरी 1995 में उनकी मौत हो गई, उनकी मौत का सदमा इफ्तिखार बर्दाश्त नहीं कर पाए और बेटी के गुजरने के 1 महीने के अंदर ही 4 मार्च 1995 को उनका निधन हो गया. 

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