हीरो बनने आया लेकिन बनकर रह गया साइड विलेन, DDLJ ने बर्बाद किया इस एक्टर का करियर!

1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ने कई कलाकारों की जिंदगी बदल दी. जिंदगी इनकी भी बदली लेकिन ये बदलाव इनके हित में नहीं रहे.

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DDLJ के बाद भी नहीं चमकी इस एक्टर की किस्मत
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नई दिल्ली:

वो एक्टर बनने आया था, काफी स्मार्ट दिखता था. एकदम हीरो वाला लुक लेकिन इस फिल्म में निगेटिव किरदार के बाद उसको इसी तरह के किरदार मिलने लगे. जिसे वो मना करता रहा और फिर धीरे-धीरे इंडस्ट्री से बाहर ही होते गए. हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान और काजोल की कल्ट रोमांटिक सागा डीडीएलजे की और इस फिल्म में नजर आए कुलजीत यानी परमीत सेठी की.

1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में कुलजीत,अमीर और घमंडी विलेन के किरदार से घर-घर मशहूर हुए परमीत सेठी ने हाल ही में अपनी एक्टिंग जर्नी के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि फिल्म ने उन्हें रातोंरात पहचान तो दी लेकिन साथ ही उन्हें उसी तरह के नेगेटिव कैरेक्टरों में बांध भी दिया. पीछे मुड़कर देखते हुए सेठी ने कहा कि उन्होंने कई ऐसे ऑफर ठुकरा दिए जो उनकी पॉपुलैरिटी बनाए रख सकते थे.

DDLJ के बाद टाइपकास्टिंग का जाल

स्क्रीन मैगजीन से बातचीत में सेठी ने याद किया कि DDLJ हिट होने के बाद उन्हें ‘दिलजले' जैसी सक्सेसफल फिल्म मिली. लेकिन उम्मीद के मुताबिक करियर में उछाल नहीं आया. हिट फिल्मों के बाद ज्यादातर ऑफर छोटे-मोटे विलेन के थे. मेन विलेन का बेटा, भाई या साथी ना कि कोई बड़ा नेगेटिव लीड.

परमीत ने कहा, “उसके बाद जो रोल ऑफर हुए, वे सब विलेन या नेगेटिव वाले थे, वो भी लीड विलेन के नहीं, बेटे या भाई जैसे. इसलिए मैंने उन्हें लगातार रिजेक्ट ही किया…” ऐसे किरदारों की लिमिट से नाखुश परमीत ने उनसे दूरी बनाना ही बेहतर समझा. बिना यह सोचे कि इससे लंबे समय में नुकसान होगा. उन्होंने कहा, “मुझे बहुत देर से अहसास हुआ.” साथ ही बताया कि इंडस्ट्री में गायब रहने से इंसान जल्दी भुला दिया जाता है.

देर से मिली सलाह

परमीत ने खुलासा किया कि DDLJ के डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा ने बाद में उन्हें नसीहत दी कि उस अहम दौर में हर ऑफर स्वीकार करना चाहिए था, ताकि चेहरा स्क्रीन पर बना रहे. सेठी ने कहा कि उन्होंने मजाक में आदित्य से कहा,यह सलाह पहले आ जाती तो बेहतर होता. उन्हें लगा था कि uninspiring रोल ठुकराना आर्टिस्टिक इंटिग्रिटी की बात है. लेकिन शुरुआती सालों में कंटिन्यूटी ज्यादा मायने रखती है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन प्रोजेक्ट्स में उन्होंने हामी भरी, वहां भी कभी-कभी उन्हें हाशिए पर धकेल दिया जाता था, क्योंकि प्रोड्यूसर्स को डर था कि वे मेन विलेन को फीका कर देंगे.

आदित्य और यश चोपड़ा के साथ काम करने का एक्सपीरियंस

सेठी ने DDLJ के सेट की यादें ताजा कीं, जहां आदित्य चोपड़ा का विजन और डायरेक्शन सटीक था. उनके मुताबिक आदित्य ने उन्हें फिल्म का हर सीन-दर-सीन एक्सप्लेन किया और ठीक वैसा ही शूट किया. उन्होंने यश चोपड़ा की तारीफ की कि दिग्गज फिल्ममेकर होने के बावजूद उन्होंने बेटे के क्रिएटिव काम में कभी दखल नहीं दिया. इसके बजाय, यश जी और उनकी पत्नी पामेला चोपड़ा सेट पर घर का बना खाना जैसे मटन, पास्ता और लजानिया लेकर आते, जो गर्मजोशी भरा माहौल बनाता.  

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