गुरु दत्त और संजीव कुमार: दो जादुई कलाकार, एक ही जन्मदिन और एक जैसा दर्द!

9 जुलाई का दिन सिर्फ उनके जन्म का नहीं, बल्कि उन दो अधूरी मगर बेहतरीन जिंदगियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने दर्द को पर्दे पर जिया और हमेशा के लिए अमर हो गए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
एक जैसी रही संजीव कुमार और गुरु दत्त की जिंदगी
नई दिल्ली:

कभी-कभी सिनेमा की दुनिया में कुछ बातें इतनी मिलती-जुलती हैं कि लगता है, जैसे किस्मत ने पहले से ही सब तय कर रखा हो. गुरु दत्त और संजीव कुमार- दोनों बड़े कलाकार, अलग-अलग समय के लेकिन कई बातें बिल्कुल एक जैसी. सबसे पहला इत्तेफाक, दोनों का जन्म 9 जुलाई को हुआ. गुरु दत्त का 1925 में और संजीव कुमार का 1938 में. दोनों ने ऐसे किरदार निभाए जो दर्द, अकेलापन और जिंदगी की सच्चाई को बिल्कुल असली तरीके से दिखाते थे. गुरु दत्त की प्यासा और काग़ज के फूल, और संजीव कुमार की 'कोशिश, 'आंधी, दस्तक- इन फिल्मों में उनके अभिनय ने लोगों के दिल छू लिए.

उदासी से भरी रही दोनों की असल जिंदगी 

लेकिन सिर्फ उनके किरदार ही नहीं, उनकी असली जिंदगी भी कहीं न कहीं उदासी से भरी रही. दोनों को अकेलापन बहुत सताता था, और धीरे-धीरे शराब की आदत लग गई. गुरु दत्त डिप्रेशन से जूझते रहे, और संजीव कुमार ने शादी नहीं की. शायद अंदर से वो भी बहुत अकेले थे. एक और अजीब संयोग फिल्म Love and God. पहले इसमें गुरु दत्त को लिया गया, लेकिन उनकी मौत की वजह से फिल्म अधूरी रह गई. फिर वही रोल संजीव कुमार को मिला, पर अफसोस, वो भी इस फिल्म को पूरा नहीं कर पाए. बाद में जैसे-तैसे फिल्म को पूरा करके रिलीज किया गया.

9 जुलाई का दिन सिर्फ उनके जन्म का नहीं, बल्कि उन दो अधूरी मगर बेहतरीन जिंदगियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने दर्द को पर्दे पर जिया और हमेशा के लिए अमर हो गए.

Featured Video Of The Day
Sucherita Kukreti | Illegal Immigrants in India: घुसपैठियों पर योगी 'हंटर', शहर शहर उतरी फ़ोर्स
Topics mentioned in this article