Gram Chikitsalay: अब हर सीरीज तो 'पंचायत' नहीं हो सकती, जानें कैसी है प्राइम वीडियो की ग्राम चिकित्सालय

Gram Chikitsalay Review: प्राइम वीडियो की नई वेब सीरीज ग्राम चिकित्सालाय रिलीज हो गई है. इस वेब सीरीज में कोशिश पंचायत जैसा माहौल बनाने की गई है. जानें यह कोशिश कितनी रही कामयाब और मिली कितनी रेटिंग.

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Gram Chikitsalay Review: जानें कैसी है प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ग्राम चिकित्सालय
नई दिल्ली:

प्राइम वीडियो टीवीएफ के साथ मिलकर ओटीटी की दुनिया में उस दुनिया को लाना चाहता है जो हमारे टीवी और बॉलीवुड से कोसों दूर जा चुकी है. यानी गांव देहात की कहानियां. टीवीएफ लगातार इस तरह की कहानियां ला रहा है जो गांव देहात से जुड़ी हुई है. इसकी सबसे बड़ी मिसाल पंचायत है. जिसके मासूम लोग, उनकी मासूम चालाकियां और मासूम हरकतें दिलों में उतर गई. इसमें एक विषय था, एक गांव था और थी गांव की राजनीति. कहीं ना कहीं दिल से जुड़ी हुईं. इसके बाद टीवीएफ दुपहिया लाया और अब ग्राम चिकित्सालय. विषय अच्छे उठ रहे हैं, लेकिन ग्राम चिकित्सालय को देखते ही बात कुछ गले नहीं उतर पाती है. 

प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ग्राम चिकित्सालय 

प्राइम वीडियो की ग्राम चिकित्सालय में भटकंडी गांव के पब्लिक हेल्थ सेंटर की कहानी को दिखाया गया है. लेकिन निर्माताओं ने इसमें ग्रामीण जीवन की झलकियां पिरोने की कोशिश की. उसके साथ ही गांव देहातों में स्वास्थ्य केंद्रों की दुर्दशा का भी सही विषय उठाया. फिर झोला छाप डॉक्टर भरोसे की बात भी सामने आई. लेकिन नहीं आ सका वो कनेक्शन जिसके लिए टीवीएफ की कहानियों को पहचाना जाता है. पांच एपिसोड की इस सीरीज को लगता है टीवीएफ ने टेस्टिंग डोज की तरह दर्शकों के सामने रखा है. अगर पसंद आई तो बढ़ाएंगे नही तो हटाएंगे.

प्राइम वीडियो की ग्राम चिकित्सालय का ट्रेलर

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कैसी है ग्राम चिकित्सालय? 

प्राइम वीडियो की ग्राम चिकित्सालय के कुछ हिस्से अच्छे हैं, लेकिन कुल मिलाकर इसे पंचायत की तर्ज पर ही गढ़ा गया लगता है. लेकिन कनेक्शन और पैनेपन की इसमें घोर कमी है. देहाती भाषा है, देहात का माहौल है, लोग भी हैं. लेकिन निर्देशक तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें क्या दिखाना है. एमबीबीएस डॉक्टर को स्थापित करना है या फिर झोला छाप डॉक्टर के प्रति सहानुभूति दिखानी है.

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ग्राम चिकित्सालय वर्डिक्ट

कैरेक्टर से कनेक्शन नहीं बन पाता है. सब कुछ बहुत नकली सा लगता है. शोक के मौके पर गाने वाला सीन भी बहुत ही अटपटा लगता है. कुल मिलाकर अच्छे विषय पर ये एक कमजोर वेब सीरीज है. जिसे बहुत उम्मीद के साथ शुरू किया जा सकता है, लेकिन खत्म ये निराशा बिंदु पर ही होती है. 

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रेटिंग: 2/5 स्टार
कलाकार: विनय पाठक, अमोल पाराशर, आकांक्षा रंजन कपूर और परितोष तिवारी 
प्रोग्राम क्रिएटर: दीपक कुमार मिश्रा
ओटीटी: प्राइम वीडियो

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