21 साल पहले इस फिल्म के बाद जब गोविंदा ने किया था कॉमेडी से ब्रेक लेने का ऐलान, बोले- उन फिल्मों को बी-ग्रेड माना जाता है

21 साल पहले एक और एक ग्यारह के बाद गोविंदा ने कॉमेडी फिल्मों ना करने का ऐलान कर दिया था.

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गोविंदा को कॉमेडी फिल्मों के लिए नहीं मिला था अवॉर्ड
नई दिल्ली:

कुली नंबर वन, हीरो नंबर वन, बड़े मियां छोटे मियां और राजा बाबू जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले गोविंदा उन सुपरस्टार्स में से एक हैं, जिनकी कॉमेडी फिल्मों ने दर्शकों को खूब हंसाया. जबकि हिट गानों में उनके डांस ने फैंस को थिरकने पर मजबूर कर दिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 21 साल पहले यानी 2003 में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कॉमेडी फिल्मों से दूर रहने का फैसला किया था और बताया था कि उनकी कॉमेडी फिल्मों को बी ग्रेड फिल्में और टाइम पास एंटरटेनमेंट कहा जाता है. 

रेडिफ को दिए एक पुराने इंटरव्यू में गोविंदा खुलासा किया कि वह कॉमेडी जॉनर, जिसने उन्हें सुपरस्टार बनाया उससे ब्रेक लेकर सीरियस रोल पर ध्यान देंगे. वहीं बेस्ट एक्टर के लिए नॉमिनेट होने के बावजूद उन्हें अवॉर्ड ना मिलने पर उन्होंने अपनी निराशा जाहिर की थी. जबकि उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी. 

उन्होंने अपनी कॉमेडी फिल्मों पर बात करते हुए कहा, मेरी फिल्में पूरी तरह से टाइम पास एंटरटेनमेंट मानी जाती हैं जैसे बी ग्रेट फिल्में. वह कभी भी अच्छी फिल्में नहीं कही गईं. उन्हें कभी भी सराहा नहीं गया जबकि वह बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं थीं. मैं हमेशा अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुआ. लेकिन जीता नहीं. यहां तक कि कैटेगरी (कॉमिक रोल में बेस्ट एक्टर ) बदलने के बाद भी मैं नहीं जीता. मैंने परिस्थिति से लड़ने की भी कोशिश की. पर मैंने सोचा लड़ना क्यों? तो मैंने बदलने का फैसला किया. 

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ऐलान करते हुए कि वह अब कॉमेडी रोल नहीं चुनेंगे उन्होंने कहा, मैं अब से कॉमेडी फिल्में नहीं करुंगा. लेकिन अगर मैं करता हूं तो स्क्रिप्ट नई और फ्रैश होनी चाहिए. मुझे एक जैसी कहानी पसंद नहीं. मेरा एक और एक ग्यारह तक काफी अच्छा था. यह मायने नहीं रखता कि मैं करियर में और कामयाब या उससे कम कामयाब हो पाउंगा या नहीं. सिर्फ सफलता मायने रखती है. इसलिए अब मैं अपना नाम खराब होने नहीं दूंगा. यह आगे बढ़ने का सही समय है. 

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आगे गोविंदा ने कहा, "मैं अच्छा सिनेमा करना चाहता हूं. एक अच्छा निर्देशक और गुणवत्तापूर्ण लेखन होना चाहिए. लेकिन मेरे पास ऐसा कोई ड्रीम रोल नहीं है. अगर मेरे दिमाग में कुछ खास होता, तो मैं दूसरों को अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस सामने लाने का मौका नहीं दे पाता." इसके अलावा उसी इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि सीरियस रोल से थक जाने के बाद उन्होंने शुरुआत में कॉमेडी की ओर रुख किया था. हालांकि, जैसा कि किस्मत में था, उनकी कॉमेडी फ़िल्में बहुत हिट हुईं, जिसके कारण उन्हें लगातार कॉमेडी रोल निभानी पड़े. 

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बता दें, 2003 के बाद भी गोविंदा ने खुल्लम खुल्ला प्यार करें और सुख जैसी कॉमेडी फिल्मों में काम किया. जबकि उन्होंने साल 2006 में भागम भाग और 2007 में पार्टनर जैसी हिट फिल्में दी. 

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