पुरानी हिंदी फिल्मों के कुछ डायलॉग ऐसे हैं जो आज भी लोगों की जुबां पर होते हैं. इन्हें आज भी बड़ी ही दिलचस्पी के साथ लोग सुनना पसंद करते हैं. इनमें से कुछ डायलॉग तो ऐसे हैं जिन्हें ऑडियंस ने इतना ज्यादा पसंद किया था कि सिर्फ और सिर्फ उस डायलॉग की वजह से लोगों ने उन फिल्मों को देखा और आज भी देखना पसंद करते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे ही डायलॉग के बारे में बता रहे हैं, जो आज की युवा पीढ़ी की भी जुबां पर कभी-भी सिचुएशन में आ ही जाते हैं. आइए जानते हैं ऐसे फेमस डायलॉग के बारे में...
'ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर'
'शोले' फिल्म के बारे में तो जितनी बात की जाए कम ही होगी. इस फिल्म का ये डायलॉग 'यह हाथ मुझे दे दे ठाकुर' दर्शकों की जुबां पर था, है और रहेगा. डाकू के किरदार में अमजद खान ने यह डायलॉग ठाकुर से कहा था. आज भी इस डायलॉग की दीवानगी गजब की है. सोशल मीडिया इससे जुड़े कई मीम देखने को मिलते रहते हैं.
'हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है'
फिल्म 'कालिया' के इस डायलॉग को दर्शक आज भी सुनना और बोलना पसंद करते हैं. अमिताभ बच्चन के डायलॉग 'हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है' ने उस समय सिनेमाहॉल में माहौल बना दिया था. उनके इस डायलॉग पर आए दिन मीम बनते रहते हैं.
'मोगैम्बो खुश हुआ'
फिल्म 'मिस्टर इंडिया' एक ऐसी फिल्म थी जो फेमस डायलॉग और यादगार दृश्यों से भरी थी. फिल्म में विलेन की भूमिका में दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी की डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया था. खास तौर से उनका डायलॉग 'मोगैम्बो खुश हुआ' आज भी अक्सर परिवार और दोस्तों के बीच अनौपचारिक बातचीत में सुनने को मिल जाता है.
'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख'
यह डायलॉग आज भी कई लोगों की पसंद है. हालांकि, आज भी दर्शक इस डायलॉग को सुनना बहुत पसंद करते हैं. यह डायलॉग 'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख' सनी देओल ने फिल्म 'दामिनी' में बोला था. इस फिल्म को लोग इस डायलॉग के वजह से भी देखना पसंद करते हैं.
'जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिन्दगी'
फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का यह डायलॉग फिल्म के सभी डायलॉग में सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ. अमरीश पुरी का यह डायलॉग यह संदेश देता है कि एक पिता हमेशा से अपने बच्चों के ब्राइट फ्यूचर को लेकर चिंतित रहता है, लेकिन उनकी खुशियों नहीं छीन सकता.