Bappi Lahiri Death: डिस्को म्यूजिक से लोकसभा का चुनाव लड़ने तक, कुछ ऐसा रहा 'बप्पी दा' का सफर

बॉलीवुड के मशहूर गायक और संगीतकार बप्पी लहरी का बुधवार को मुंबई के एक हॉस्पिटल में 69 साल की उम्र में निधन हो गया. अपने चाहने वालों के बीच बप्पी दा पुकारे जाने वाले बॉलीवुड के इस महान संगीतकार ने कुछ सबसे यादगार संगीत दिया.

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बप्पी लहरी का निधन
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के मशहूर गायक और संगीतकार बप्पी लहरी का बुधवार को मुंबई के एक हॉस्पिटल में 69 साल की उम्र में निधन हो गया है. अपने चाहने वालों के बीच बप्पी दा पुकारे जाने वाले बॉलीवुड के इस महान संगीतकार ने कुछ सबसे यादगार संगीत दिया. वहीं बंगाली सिनेमा में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. 80-90 के दशक में बॉलीवुड को डिस्को संगीत देने वाले 'डिस्को किंग' के नाम से पहचान बना चुके बप्पी दा अपने चाहने वालों के दिलों में उनके दिए संगीत के लिए अमर रहेंगे.

मंगलवार रात 69 वर्ष की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया. वह एक महीने से अस्पताल में थे और कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उनका इलाज चल रहा था. उन्हें सोमवार को छुट्टी दे दी गई थी, हालांकि एक दिन बाद, उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें वापस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई.

बप्पी लहरी का असल नाम आलोकेश लहरी था. बंगाली परिवार में जन्में आलोकेश के माता-पिता शास्त्रीय गायक थे. बप्पी दा का किशोर कुमार से भी नाता था. बचपन से ही बप्पी दा को संगीत से लगाव था. वह एक बार टेबल बजाते देखे गए, जिसके बाद उनके माता-पिता ने उन्हें प्रशिक्षित किया.

70 के दशक में हुई शुरुआत

बप्पी लहरी ने 70 के दशक के अंत में अपनी पहली फिल्म के लिए संगीत दिया था. 1973 में आई फिल्म नन्हा शिकारी और चरित्र उनकी शुरुआती फिल्मों में से हैं. इसके बाद 1975 में ज़ख्मी और उसके अगले ही साल आई चलते चलते में उन्होंने संगीत दिया. बप्पी दा के संगीत और किशोर कुमार की आवाज ने इस फिल्म के टाइटल ट्रैक को अमर कर दिया.

बॉलीवुड को दिया डिस्को संगीत

1982 में आई फिल्म डिस्को डांसर अपने म्यूजिक की वजह से बड़ी हिट साबित हुई थी. 'जिमी जिमी आजा', 'आई एम ए डिस्को डांसर' और 'कोई यहां नाचे नाचे' जैसे बप्पी दा के गाने आज भी थिरकने को मजबूर करते हैं. उसी साल बप्पी लहरी ने जवानी जानेमन, रात बाकी और पग घुंघरू जैसे गीतों की रचना की. ये गीत बेहद पॉपुलर साबित हुए.

मिला फिल्मफेयर अवार्ड

'दे दे प्यार दे', 'थोड़ी सी जो पी ली है' और 'इंतेहा हो गई' जैसे गीतों के साथ 1984 में आई फिल्म शराबी के संगीत के लिए बप्पी लहरी ने सर्वश्रेष्ठ संगीत का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. वह 80 और 90 के दशक में डांस डांस, साहेब, सैलाब, थानेदार और अन्य फिल्मों के साथ शोहरत की बुलंदियों को छू रहे थे.

बागी 3 में दिया था संगीत

2011 में आई फिल्म द डर्टी पिक्चर में विद्या बालन पर फिल्माया गया उनका गाना 'ऊह ला ला' जबरदस्त हिट रहा था. इस गाने को उन्होंने श्रेया घोषाल के साथ गाया था.  2017 में 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' में उनके मूल गीत 'तम्मा तम्मा' का एक रिमिक्स वर्जन डाला गया, ये भी लोगों को खूब पसंद आया. बप्पी लहरी ने ओगो बोधु शुंडोरी और गुरु दक्षिणा जैसी कई बंगाली फिल्मों के लिए भी संगीत दिया है. 'बागी 3' की 'भंकस' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' की 'अरे प्यार कर ले' उनकी आखिरी रचना थी. 

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