इन 5 वजहों से बॉक्स ऑफिस की बादशाहत खोते जा रहे हैं सलमान खान, भाईजान को समझना होगा 'वक्त बदल गया, जज्बात बदल गए'

किसी का भाई किसी की जान धूमधाम के साथ ईद के मौके पर रिलीज हुई. लेकिन फिल्म को लेकर भाईजान हंगामा नहीं बरपा सके. जानें वो क्या 5 वजहें हैं जिससे फिल्म कमजोर साबित होती है.

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सलमान खान की 'किसी का भाई किसी की जान'
नई दिल्ली:

सलमान खान का फेमस डायलॉग है 'मैं दिल में आता हूं, समझ में नहीं', काफी हिट रहा था. लेकिन दौर बदल चुका है और जज्बात भी बदल चुके हैं. ऐसे में भाईजान को समझना होगा कि सिर्फ साउथ रीमेक या फिर ऐसी फिल्म दर्शकों के गले नहीं उतारी जा सकती जो न दिल में आती है और न ही समझ में. 'किसी का भाई किसी की जान' को देखकर ऐसा ही लगता है. चार साल बाद ईद पर सलमान खान ने बड़ी वापसी की थी, लेकिन वह न तो फैन्स की कसौटी पर खरा उतर सके और न ही बॉक्स ऑफिस की. ऐसे में लगता है कि सलमान खान बॉक्स ऑफिस की बादशाहत पर से अपनी ग्रिप खोते नजर आ रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर किसी का भाई किसी की जान में वो क्या पांच कमियां जो सबसे ज्यादा अखरती हैं.

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1.  को-स्टार्स में एक्टर चाहिए दोस्त नहीं

सलमान खान अपने को-स्टार्स को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इसकी मिसाल किसी का भाई किसी की जान में उनके साथ नजर आए फैमिली मेंबर हैं. इससे पहले राधे, अंतिम और जय हो जैसी फिल्मों में भी इसकी झलक मिल चुकी है. एक मजबूत टीम है, एक शानदार फिल्म की नींव रखती है. सलमान खान को अपने करीबियों को नहीं बल्कि कलाकारों को मौका देना चाहिए.

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2. डायरेक्टर भी चाहिए सॉलिड

सलमान खान को फैन्स या तो एक्शन या फिर फैमिली मैन के तौर पर देखना चाहते हैं. किसी का भाई किसी की जान में उनके दोनों ही पक्ष थे. लेकिन डायरेक्टर फरहाद सामजी डायरेक्शन के मामल में कमजोर साबित हुए, और पूरी बाजी सलमान खान की स्टारपावर पर ही खेल गए. ऐसा ही उनके साथ बच्चन पांडे को लेकर भी हुआ था. वह भी साउथ की रीमेक थी और किसी का भाई किसी की जान भी साउथ फिल्म वीरम का रीमेक थी. दोनों का हश्र बुरा हुआ.

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3. कहानी ही है फिल्म की जान

सलमान खान की हिट फिल्मों पर नजर डालें तो एक था टाइगर, दबंग, बजरंगी भाईजान और वॉन्टेड को देखा जाए तो इनमें साउथ की रीमेक और ओरिजिनल मूवी शामिल हैं. लेकिन इनकी कहानी दर्शकों से कनेक्ट करती थी. भाई की स्टारपावर तो थी ही लेकिन उसके साथ कहानी भी उनके कैरेक्टर को स्थापित करती थी. उसकी बारीकियों को दिखाती थी और मास ऑडियंस के साथ मल्टीप्लेक्स ऑडियंस को भी खुद से कनेक्ट करती थी. 

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4. भाईजान करो कुछ एक्टिंग का ख्याल

भाईजान सलमान खान को यह बात समझनी होगी कि स्टारपावर के साथ ही एक्टिंग भी किसी फिल्म का अहम हिस्सा है. फिल्म को टुकड़ों में नहीं बनाया जा सकता. उसके लिए सधी हुई एक्टिंग और एक्सप्रेशंस का भी खेल होता है. यह सब किसी का भाई किसी की जान में जगपति बाबू और वेंकटेश को छोड़ दिया जाए तो बाकी में बहुत मुश्किल से देखने को मिलता है.

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5. सलमान खान को समझनी होगी दर्शकों की नब्ज

ऐसा लगता है कि सलमान खान पिछले कुछ समय से अपनी तरह की फिल्में बनाने में यकीन कर रहे हैं. वह लॉकडाउन के बाद दर्शकों के बदले मिजाज को नहीं समझ पाए हैं. समय के साथ दर्शक काफी आगे निकल गए हैं, लेकिन हमारे बॉलीवुड के अधिकतर स्टार आज भी पुराने मसालों को दर्शकों को परोस रहे हैं. इसी वजह से बॉक्स ऑफिस पर मात खा रहे हैं. इसलिए भाईजान को इस बात को समझना चाहिए.

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