1990 का दशक भारतीय अर्थव्यवस्था(इकोनॉमी) के उदारीकरण(लिब्रलाइजेशन) का दौर था. जैसे-जैसे भारतीय बाजार खुले, कमाई के कई नए रास्ते डेवलप हुए. एक्टर्स कमर्शियल्स करने लगे इसके चलते वो ज्यादा से ज्यादा दर्शकों की नजरों में आए. इसकी बदौलत उनका स्टारडम और तेजी से बढ़ा. इससे उनकी फीस में भी काफी बढ़त हुई. चिरंजीवी हर एक फिल्म के लिए ₹1 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले पहले भारतीय स्टार थे, यह मुकाम उन्होंने 1992 में आपदबंधवुडु के साथ हासिल किया. एक्टर्स में तो उन्होंने ये बढ़त हासिल की लेकिन एक्ट्रेसेज में भी एक नाम था जो सबसे पहले इस बुलंदी पर पहुंचा.
1 करोड़ चार्ज करने वाली पहली एक्ट्रेस
श्रीदेवी जिन्हें अक्सर भारत की पहली फीमेल सुपर स्टार में से एक माना जाता है हर फिल्म के लिए ₹1 करोड़ चार्ज करने वाली पहली एक्ट्रेस थीं. कथित तौर पर एक्ट्रेस ने 1993 में रिलीज हुई रूप की रानी चोरों का राजा के लिए यह रकम ली थी जो उस समय बनी सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक थी. ₹1 करोड़ का आंकड़ा उनसे चिरंजीवी ने पार किया था और उनके अलावा सिर्फ श्रीदेवी ने ही इतनी फीस ली थी. कमल हासन और अमिताभ बच्चन 90 के दशक के मिड में इस क्लब में शामिल हुए थे. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 1997 में फिल्मों से अपनी पहले ब्रेक तक श्रीदेवी ना सिर्फ बॉलीवुड में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थीं बल्कि अपने मेल कोस्टार्स से ज्यादा फीस लेती थीं.
तीनों खान - शाहरुख, सलमान और आमिर - 1992-97 तक सनी देओल और संजय दत्त के साथ इंडस्ट्री के टॉप सितारे थे. फिर भी वे उस समय ₹50-75 लाख के बीच में फीस लेते थे. 90 के दशक के आखिर तक - जब श्रीदेवी फिल्में छोड़ चुकी थीं - खानों ने ₹1 करोड़ का आंकड़ा पार नहीं किया था.