मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड या कोई सा भी ब्यूटी पेजेंट कॉम्पिटिशन हो. इन कॉन्टेस्ट्स में स्विमसूट राउंड बहुत कॉमन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं जब इन ब्यूटी पीजेंट्स का चलन शुरू हुआ था उस वक्त किस तरह से कॉन्टेस्ट होते थे. पहली बार मिस वर्ल्ड का आयोजन साल 1951 में हुआ था. उस साल स्वीडिश मॉडल किकी हकेन्सन ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था. तब हुआ ये पहला मिस वर्ल्ड कई मायनों में अब होने वाले ब्यूटी पीजेंट कॉन्टेस्ट से बहुत अलग हुआ करता था. उस दौर में बिकिनी पहनने पर किकी हकेन्सन को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था. पोप ने भी उन की निंदा की थी.
असल में एरिक मॉर्ले ने फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट, मिस वर्ल्ड ऑर्गेनाइज किया था. ये फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन में एक एडवर्टाइजमेंट की तरह था. किकी हकेन्सन एक फोटो और फैशन मॉडल थीं. उसी दौरान उन्होंने मिस स्वीडन वर्ल्ड का ताज जीता था और साथ ही साथ लंदन पीजेंट में भी जीत हासिल की थी.
हकेन्सन जब फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट, मिस वर्ल्ड का हिस्सा बनीं तो क्राउन पहनाए जाने के वक्त भी उन्होंने बिकिनी पहनी थी. इस पर पोप ने आपत्ति जताई थी. इसके अलावा कई देशों ने भी नाराजगी जताई थी. कुछ ने तो वहां से अपने डेलिगेट्स वापस बुलाने की धमकी तक दे डाली थी.
इसके साथ 1952 में इस पीजेंट से बिकिनी को बैन कर दिया गया. इनकी जगह स्विम वीयर को इंट्रोड्यूस किया गया. कुछ समय बाद बिकिनी को दोबारा इस पीजेंट में एंट्री मिली. हालांकि फिनाले राउंड के लिए एक तय ड्रेस कोड रखा गया. इस तरह किकी इकलौती ऐसी विनर हैं जिन्होंने बिकिनी में ताज पहना था.