भारत के सिनेमाई इतिहास में दर्ज शोले एक ऐसी फिल्म है जिसका एक एक किरदार हिट है. और, हर किरदार के डायलोग भी फेमस हैं. फिल्म के लिए छोटे बड़े कई एक्टर्स को एक अलग किरदार दिया गया. कुल 18 किरदार ऐसे रहे जो दर्शकों के दिल में आज तक बसे हुए हैं. इन किरदारों को लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाने का जिम्मा संभाला दो राइटर्स ने नाम थे सलीम खान और जावेद अख्तर. जिनकी कलम से निकले एक एक डायलॉग ने जमकर धमाल मचाया और जो आज भी दोहराए जाते हैं. लेकिन इस फिल्म के लिए स्टार कास्ट करना इतना आसान नहीं था. हर किरदार के लिए देख परख कर आर्टिस्ट का चयन किया गया.
विलेन के लिए पहली पसंद
इस फिल्म में गब्बर का रोल करने वाले अमजद खान घर घर में मशहूर हो गए थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमजद खान इस रोल के लिए राइटर जावेद अख्तर की पसंद नहीं थे. आईएमडीबी ट्रिविया के मुताबिक जावेद अख्तर का सोचना था कि गब्बर के रोल के लिए अमजद खान की आवाज बहुत पतली है. इस रोल के लिए डैनी डेनजोंगपा पहली पसंद थे. जिस वक्त उन्हें ये रोल ऑफर हुआ वो अफ्गानिस्तान में फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग में व्यस्त थे. जिसकी वजह से ये ऑफर एक्सेप्ट नहीं कर सके. और, अमजद खान को ही ये यादगार रोल निभाने का मौका मिला.
धर्मेंद्र की ख्वाहिश
इस फिल्म में वीरू के लिए धर्मेंद्र ही पहली पसंद थे. लेकिन धर्मेंद्र ठाकुर बलदेव सिंह का किरदार अदा करना चाहते थे. धर्मेंद्र की शौहरत देख मेकर्स उन्हें एकदम इंकार नहीं कर सकते थे. इसलिए एक नई जुगत लगाई गई. धर्मेंद्र को ये जानकारी दी गई कि वीरू का किरदार ही एक्ट्रेस को लेकर जाएगा. जबकि ठाकुर बलदेव सिंह का रोल करने वाले को हीरोइन नहीं मिलेगी. उस वक्त सिचुएशन कुछ ऐसी थी कि संजीव कुमार भी धर्मेंद्र की तरह हेमा मालिनी को चाहते थे और शादी करना चाहते थे. धर्मेंद्र को जैसे ही ये समझ आया कि वो ठाकुर बने तो संजीव कुमार वीरू बनेंगे और हेमा मालिनी उनकी हो जाएंगी. इतना समझ में आते ही धर्मेंद्र वीरू बनने को तैयार हो गए.
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