फैज अहमद फैज की गजल की एक लाइन से बना 'चिराग' का यह सुपरहिट सॉन्ग, पढ़ें यह दिलचस्प किस्सा

‘तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है’ गीत को सुनील दत्त और आशा पारेख पर फिल्माया गया था. इस रोमांटिक गीत के बनने से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी है.

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फैज की गजल पर यूं बनी एक सुपरहिट गीत
नई दिल्ली:

साल 1969 में सुनील दत्त और आशा पारेख की फिल्म रिलीज हुई थी चिराग. फिल्म को पसंद किया गया और इसके गीतों ने भी सुनने वालों के दिलों में जगह बनाई. फिल्म का संगीत मदन मोहन ने दिया था जबकि फिल्म के गानों के लिरिक्स मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे. फिल्म को मशहूर डायरेक्टर राज खोसला ने डायरेक्ट किया था. 'चिराग' में कुल सात गाने थे, लेकिन फिल्म का गीत ‘तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है' एक यादगार गीत बन गया. यह गीत फिल्म में दो बार आता है. एक बार इसे मोहम्मद रफी ने गाया है तो दूसरी बार लता मंगेशकर ने.

‘तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है' गीत को सुनील दत्त और आशा पारेख पर फिल्माया गया था. इस रोमांटिक गीत के बनने से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी है. चिराग फिल्म के गीत तैयार हो रहे थे. फिल्म के डायरेक्टर राज खोसला ने शायर मजरूह सुल्तानपुरी को अपने पास बुलाया और एक लाइन उन्हें दी. यह लाइन थी, तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है. राज खोसला ने मजरूह से कहा कि यह लाइन फैज अहमद फैज की मशहूर गजल 'मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न मांग' की है और उन्हें इस पर गाना लिखना है. इस तरह मजरूह सुल्तानपुरी ने इस लाइन के ऊपर पूरा गाना लिख डाला. खास बात यह कि इस लाइन का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी मंजूरी भी हासिल की गई थी. इस तरह एक लाइन से पूरा गाना बना और यह गाना हिंदी संगीत के इतिहास में यादगार गीत के तौर पर दर्ज हो गया.

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'चिराग' फिल्म के लिए एक्ट्रेस आशा पारेख को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का नॉमिनेशन भी मिला था. फिल्म में आशा पारेख और सुनील दत्त के अलावा ओम प्रकाश, मुकरी और ललिता पवार भी मुख्य किरदारों में थे.  

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