फैक्ट्री में काम करने वाला बना सिनेमा का टॉप एक्टर, बेची चाय, भूखे पेट सोया सड़क पर, आज है करोड़ों का मालिक

बेहद आम शक्ल सूरत वाला वो अभिनेता, जिनका रुतबा किसी सुपरस्टार से कम नहीं है. उन्होंने अपने करियर में एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी है. तमाम बड़ी उपलब्धियों के बाद भी वह अभिनेता कहलाने से कहीं अधिक आर्टिस्ट कहलाना पसंद करते हैं.

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छोटे - मोटे रोल कर के बने सिनेमा का टॉप एक्टर
नई दिल्ली:

बेहद आम शक्ल सूरत वाला वो अभिनेता, जिनका रुतबा किसी सुपरस्टार से कम नहीं है. उन्होंने अपने करियर में एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी है. तमाम बड़ी उपलब्धियों के बाद भी वह अभिनेता कहलाने से कहीं अधिक आर्टिस्ट कहलाना पसंद करते हैं. एक छोटे से गांव से आने वाले, बेहद आम-सी सूरत वाले इस अभिनेता के लिए बॉलीवुड में अपनी पहचान बना पाना इतना आसान नहीं था. मां के अलावा उनके घर में भी किसी को यक़ीन नहीं था कि वो एक्टर भी बन सकते हैं. जब वह मुंबई आए तो कोई भी फिल्ममेकर उन्हें फिल्म में लेने को तैयार नहीं था. 1999 से लेकर 2012 तक उन्होंने फिल्मों में छोटे -मोटे रोल किए, लेकिन 2012 में आई उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपूर ने उनकी किस्मत ही बदल दी औऱ इस फिल्म से वह रातों- रात स्टार बन गए. 

हम बात कर रहे हैं सिनेमा इंडस्ट्री के उम्दा अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की. नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का जन्म 19 मई, 1974 को उत्तर प्रदेश के बुढाना में हुआ था. नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का सिनेमा में आने का कोई सपना नहीं था.एक ग्रामीण और सामान्य परिवार से आने वाले नवाज़ पढ़-लिखकर किसी तरह नौकरी पाना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. नवाज ने एक इंटरव्यू में अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए बताया था, "साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद काफी दिनों तक मैं आवारा घूमा. फैक्ट्रियों में काम किया और उसी दौरान किसी ने मुझे थिएटर के बारे में बताया. मुझे एहसास हुआ कि एक्टर और ऑडियंस की जो केमिस्ट्री है. वो कमाल की है. मेरे ज़हन में आया कि इससे ख़ूबसूरत कोई फ़ील्ड हो ही नहीं सकती. ये एक ऐसा काम है, जिसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ आपकी ही ज़िम्मेदारी है.और इसी वजह से फिर मैंने थिएटर ज्वाइन करने का फ़ैसला कर लिया.

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हालांकि जब नवाज़ ने अपनी मां को बताया कि वह एक्टर बनना चाहते हैं तो उनकी मां को यकीन नहीं हुआ. उस समय उनकी एक रिश्तेदार भी वहां मौजूद थीं. उन्होंने नवाज़ की मां से कहा. 'ये कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहा है. इसे कोई समझाओ. माफ़ करना अपना बच्चा तो सबसे ख़ूबसूरत लगता है, लेकिन अपने बच्चे का चेहरा तो देखो. 'नवाज़ ने उस रिश्तेदार की बात सुन ली . हालांकि उन्होंने बाद में मान लिया कि वह गुड-लुकिंग नहीं हैं, लेकिन तभी उन्होंने यह भी तय कर लिया कि वह गुड-लुकिंग नहीं होने के बादजूद एक्टर बनकर रहेंगे."

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थिएटर के शुरुआती दिनों में नवाज़ ने थिएटर में सफ़ाई का भी काम किया. लोगों को चाय भी सर्व की. उन्होंने यहां लगभग हर तरह का  का काम किया. बैकस्टेज पर काम करते हुए वह लोगों को चाय-वगैरह सर्व करते थे और यह सब करते हुए उन्हें छोटे-मोटे रोल भी मिल जाते. उनका पहला रोल सिर्फ़ एक लाइन का था. उसके बाद दो लाइन का रोल मिला. वडोदरा में काम करने के बाद वह बाद में एनएसडी चले गए. 

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अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में नवाज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे. कभी कभार तो ऐसी नौबत आ जाती कि उन्हें 50-100  रुपए अपने सीनियर और जानने वालों से उधार मांगना पड़ जाता. यह सबसे तंग आकर उन्होंने सिनेमा नगरी जाकर काम ढुंढने की ठानी. किसी तरह वह मुंबई पहुंचे, लेकिन जब ऑडिशन्स के लिए जाते तो कास्टिंग डायरेक्टर ये बोलकर रिजेक्ट कर देते थे कि वो एक्टर-मटीरियल नहीं हैं. नवाज़ ने अपने करियर की शुरुआत बेहद छोटे-छोटे किरदारों से की.  किसी फ़िल्म में एक सीन तो किसी में एक लाइन की डायलॉग. 

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उन्होंने सरफ़रोश, शूल, एक चालीस की लास्ट लोकल, मुन्ना भाई, देव डी जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन इनमें उनका रोल इतना छोटा था कि किसी ने नोटिस तक नहीं किया. उसी दौरान पीपली लाइव, पतंग जैसी फ़िल्में बनी और उनमें उन्हें बड़ा रोल मिला. ये फ़ेस्टिवल्स में गईं.और यहीं से लोग नवाज को पहचानने लगे और उन्हें काम मिलने लगा. 

 फिल्मों के अलावा नवाज अपने पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहे. नवाज़ुद्दीन की शादी आलिया उर्फ अंजना किशोर पांडे से हुई है. उनकी एक बेटी शोरा और एक बेटा है. बाद में उनकी पत्नी और उनका अलगाव हो गया. नवाज ने अपनी किताब एन ऑर्डिनरी लाइफ में अपने प्रेम प्रसंगों का खुलासा किया था, जिसके बाद काफी विवाद हुआ था. किताब में  उनकी को स्टार रह चुकी निहारिका सिंह के साथ उनके रिश्ते के बारे में लिखा गया था, जिस पर निहारिका सिंह ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि इसे कुछ दिनों बाद वापस ले लिया. 

 नवाज बॉम्‍बे टॉकीज, किक, मांझी द माउंटेनमैन, रईस, मंटो, ठाकरे, और फोटोग्राफ जैसी फिल्मों में बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. नवाज को फिल्‍म लंचबॉक्‍स के लिये बेस्‍ट सपोर्टिंग ऐक्‍टर के पुरस्‍कार के साथ ही फिल्‍म तलाश, कहानी, गैंग्‍स ऑफ वासेपुर और देख इंडियन सरकस के लिये राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्‍हें आईआईएफए अवार्डस, स्‍क्रीन अवार्ड्स, जी सिने अवार्डस, रेनॉल्‍ट स्‍टार गिल्‍ट अवार्डस और एशिया पैशिफिक स्‍क्रीन अवार्ड्स से भी सम्‍मानित किया जा चुका है.  एक छोटे से शहर से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी आज अपने टैलेंट के दम पर सिनेमा इंडस्ट्री के बड़े स्टार हैं. 

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