भारतीय सिनेमा की यादगार फिल्मों की बात हो तो ऐसे में शो का नाम लिए बिना ये चर्चा पूरी हो ही नहीं सकती. इस फिल्म का एक एक सीन, एक एक किरदार और एक एक डायलॉग अपने आप में एक नजीर बन गया. ऐसा इसलिए क्योंकि शायद ना तो इससे पहले ना ही इसके बाद कोई ऐसी फिल्म आई है जिसकी हर छोटी से छोटी चीज पर दर्शकों का ध्यान गया हो और वो यादगार बन गई. उस जमाने के लोगों ने इस फिल्म को खूब सराहा ही लेकिन आज मीम्स के जरिए शोले को पहचानने वाले बच्चे और आज की जनरेशन भी इस फिल्म के मैजिक से अछूती नहीं है. इस साल 15 अगस्त को इस फिल्म को रिलीज हुए 50 साल पूरे होने वाले हैं. इस खास मौके पर एनडीटीवी ने शोले में अहमद का किरदार निभाने वाले सचिन पिलगांवकर से बात की. सचिन ने इस बातचीत में रामगढ़ की झोपड़ियों का राज खोल दिया.
एसी और तमाम सुविधाओं से लैस थीं रामगढ़ को झोपड़ियां!
सचिन ने बताया, शोले की शूटिंग बेंगलुरु के मैसूर में रामनगरम नाम के एक गांव में हुई थी. ये बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर था. हम सभी लोग बेंगलुरू में रहते थे और शूटिंग के लिए रोज सुबह 5 बजे निकलते थे. वहां पहुंचने में हमें करीब एक घंटा लगता था. लेकिन वो लोकेशन बहुत ही शानदार थी. वहां गांव के सेट अप के हिसाब से बड़े-बड़े पत्थर थे. रमेश सिप्पी ने अपने आर्ट डायरेक्टर के साथ मिलकर उस जगह को चुना था जहां उन्होंने एक गांव का सेटअप तैयार किया. उस गांव की झोपड़ियां बहुत ही नैचुरल दिख रही थीं लेकिन वे सभी झोपड़ियां असल में मेकअप रूप थीं और उनके अंदर एसी, सोफा, बल्ब सभी तरह की सुविधाएं दी गई थीं ताकि एक्टर्स और सेलेब्स को परेशानी ना हो.