दोस्ती इस दुनिया की सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक है. वो दोस्त ही होते हैं जो बुरे वक्त में आपके काम आते हैं और हर बार आपके लिए खड़े रहते हैं. इतिहास में भी कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें दोस्ती की एक मिसाल देखने को मिल जाती है. हालांकि आजकल के दौर में दोस्ती के मायने भी बदलते जा रहे हैं. कई बार दोस्ती निभाने के चक्कर में लोग परेशान हो जाते हैं और धोखा भी खा बैठते हैं. ऐसे में उन्हें सावधान रहना चाहिए. भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती के बारे में हम सब जानते हैं, सुदामा ने दोस्ती को लेकर यही बात एक बात कृष्ण से कही थी.
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती
सोशल मीडिया पर दोस्ती को लेकर कई तरह के वीडियो शेयर किए जाते हैं, जिनमें दोस्ती के मायने बताए जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सुदामा और कृष्ण का क़िरदार निभा रहे दो दोस्तों का भी है, जिसमें देखा जा सकता है कि सुदामा अपने प्रिय मित्र कृष्ण से कह रहे हैं कि दोस्ती में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. वो कृष्ण को बताते हैं कि दोस्ती करने के बाद कितनी बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है.
सुदामा ने कृष्ण को बताए दोस्ती के मायने
वीडियो में देखा जा सकता है कि सुदामा अपने दोस्त कृष्ण से कहते हैं, किसी को अतिशीघ्र मित्र नहीं बना लेना चाहिए. इस पर कृष्ण सवाल पूछते हैं क्यों? इस सवाल का जवाब देते हुए सुदामा कहते हैं, क्योंकि मित्र कहने पर मित्रता को निभाना पड़ता है और मित्रता को निभाना का उत्तरदायित्व बहुत कठिन है. इसीलिए किसी को पूरी तरह परखे बिना उसे मित्र नहीं बना लेना चाहिए.
आप भी परखें दोस्त
अब सुदामा के इन विचारों को आप भी अपनी जिंदगी में लागू कर सकते हैं. यानी जब भी किसी से दोस्ती करें तो तुरंत उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए. पहले उसकी दोस्ती और उसके विचारों को परखना चाहिए. अगर आपको लगता है कि वो भी उतनी ही ईमानदारी से दोस्ती निभाएगा, जितना कि आप निभाते हैं तो आप उसे अपना दोस्त बना सकते हैं. ऐसा करने पर आपका मित्रता पर भरोसा भी बना रहेगा और आप कभी धोखा भी नहीं खा सकते हैं.
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