बीआर चोपड़ा के टीवी शो महाभारत (1988) में भगवान कृष्ण का रोल निभाने वाले एक्टर नीतीश भारद्वाज ने नाग अश्विन की कल्कि 2898 ई. के बारे में बात की है. न्यूज18 से बात करते हुए नीतीश ने महाभारत के किरदारों और कल्कि के भविष्य के जन्म का चालाकी से इस्तेमाल करने के लिए डायरेक्टर की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म मेकर्स को "साउथ से सीखना चाहिए." नीतीश ने कहा, "नाग अश्विन ने महाभारत के किरदारों और महाविष्णु के अंतिम अवतार कल्कि के भविष्य के जन्म का बहुत ही चतुराई से इस्तेमाल किया है. हिंदी फिल्म मेकर्स को साउथ से सीखना चाहिए क्योंकि वे हमारे शास्त्रों और महाकाव्यों में इतनी गहराई से निहित हैं कि उनके इंस्पिरेशनल वर्जन भी सही लगते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि कल्कि को मैड मैक्स फिल्मों से निश्चित रूप से विजुअल इंस्पिरेशन मिली है. फिर भी यह अलग लगा क्योंकि आखिरकार सेट और प्रोडक्शन डिजाइन मेरे लिए कहानी से कम जरूरी थे. अश्विन ने दोनों को बहुत अच्छी तरह से मिलाया है."
कल्कि 2898 ई. के सीक्वल के लिए नितीश की प्रेडिक्शन
उन्होंने कल्कि 2898 ई. के सीक्वल के कथानक के बारे में भी अपनी प्रेडिक्शन शेयर की. उन्होंने कहा, "प्रभास, उर्फ कर्ण, अश्वत्थामा (अमिताभ बच्चन) और कृष्ण द्वारा उन्हें मुक्ति का मार्ग दिखाने के बावजूद खलनायक द्वारा स्वीकार किए जाने की महत्वाकांक्षा में मर जाएगा." उन्होंने मजाक में कहा कि सीक्वल में नाग अश्विन को "कृष्ण का चेहरा छिपाने की जरूरत नहीं है. मैं अवेलेबल हूं."
कृष्ण के बारे में नाग ने क्या कहा
हाल ही में पिंकविला से बात करते हुए नाग ने कृष्ण की कास्टिंग पर सफाई दी. उन्होंने कहा था, "विचार यह था कि उन्हें हमेशा एक सिल्हाउट और निराकार, बिना किसी पहचान के रखा जाए. नहीं तो वह बस एक व्यक्ति या एक एक्टर बन जाता है. विचार हमेशा उसे एक रहस्यमय शख्स की तरह गहरे रंग और सिल्हाउट में रखना था. मुझे लगता है कि यह (कास्टिंग) पॉइंट के खिलाफ जाएगा".