हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार दिलीप कुमार की झोली में हिट फिल्मों की कमी नहीं है. दाग, देवदास, नया दौर और मुगल ए आजम समेत ट्रेजेडी किंग की हिट लिस्ट में कई फिल्में शामिल हैं. अगर दिलीप साहब 68 साल पुरानी इस फिल्म के लिए ना, नहीं करते तो आज यह फिल्म भी उनकी हिट लिस्ट में सबसे टॉप पर होती. साल 1957 में दिलीप कुमार ने नया दौर जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दी थी. इसी साल फिल्म रिलीज हुई थी 'प्यासा' जिसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़े और बनाए थे. साल 1955 में रिलीज हुई फिल्म देवदास में दिलीप साहब की एक्टिंग स्किल देख उन्हें प्यासा ऑफर हुई थी, जिसका प्लॉट देवदास से मिलता जुलता था, लेकिन एक्टर ने यह फिल्म ठुकरा दी.
घमंड में चूर थे दिलीप कुमार
प्यासा साल 1957 में रिलीज हुई थी और इसके डायरेक्टर गुरु दत्त थे. जब दिलीप कुमार ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया, तो खुद डायरेक्टर गुरु दत्त अपनी फिल्म के हीरो बन गए. गुरु दत्त के फिल्म कहानी सुनाते ही दिलीप साहब ने हां कर दिया था, लेकिन बात फीस पर आकर अटक गई, क्योंकि उस वक्त एक्टर ने डेढ़ लाख रुपये फीस मांगी थी, लेकिन गुरु दत्त को यह ज्यादा लगी और उन्हें इस कम करने का अनुरोध किया. दिलीप कुमार माने नहीं और गुरु दत्त से घमंड में कहा कि वह इस फिल्म को बनाकर उन्हें दे दें तो वह डिस्ट्रीब्यूट करने में मदद कर देंगे. दिलीप की इस बात से गुरु दत्त नाराज हो गए और उनसे कहा कि, 'मैं अपनी फिल्म बेचने नहीं बल्कि आपको इसमें एक्टर लेने के लिए आया हूं'.
दिलीप कुमार ने दिया गुरुदत्त को धोखा
दिलीप कुमार भी गुरुदत्त की इस बात से खिन्न हो गए, लेकिन बाद में मान गये और फिल्म करने के लिए हां कर दिया. इसके बाद शूटिंग सेट पर पहले दिन सब दिलीप कुमार का इंतजार कर रहे थे कि तभी पता चला कि वह बीआर चोपड़ा की फिल्म नया दौर की स्क्रिप्ट पर चर्चा कर रहे हैं. इधर, प्यासा का मुहूर्त निकल गया था, क्योंकि दिलीप कुमार ने सेट पर आने के लिए 10 मिनट का टाइम दिया था. इसके बाद गुरु दत्त ने गुस्से में खुद को अपनी फिल्म का हीरो डिक्लेयर कर दिया और फिर ऐसी फिल्म बनाई कि यह साल 1957 की सबसे कमाऊ फिल्म बन गई. प्यासा ने साल 1957 में रिलीज हुई दिलीप कुमार की फिल्म नया दौर को भी कमाई में पछाड़ दिया था.