फिल्मी सितारों के उनके कपड़ों को लेकर नखरों के बारे में आपने अक्सर ही सुना होगा. फिल्म अगर मल्टी स्टारर हो तो हर एक्टर या एक्ट्रेस एक दूसरे से ज्यादा सुंदर और स्टाइलिश नजर आने की होड़ में भागते दिखाई देते हैं और अगर बड़ा स्टार हो तो हर बात में मीन मेख निकालने की खबरें आती हैं. लेकिन धर्मेंद्र ऐसे सितारों की भीड़ से कुछ अलग थलग नजर आते हैं, जिन्होंने कभी कपड़े रिपीट करने में आनाकानी नहीं की. बल्कि तीन फिल्में तो ऐसी हैं जिसमें धर्मेंद्र एक ही शर्ट में नजर आए. दिलचस्प बात ये है कि ये तीनों फिल्में अलग अलग साल में रिलीज हुईं और तीनों ही जबरदस्त तरीके से हिट हुईं.
पीली शर्ट में धर्मेंद्र
पीली रंग की स्ट्राइप्ड शर्ट में धर्मेंद्र तीन अलग अलग फिल्मों के गानों में नजर आए हैं. एक गाने में वो ये शर्ट पहन कर शर्मिला टैगोर के साथ नजर आ रहे हैं. गाना है चलो सजना जहां तक घटा चले. दूसरा गाने में वो उस दौर की हिट एक्ट्रेस आशा पारेख के साथ हैं और गाने के बोल हैं साथिया नहीं जाना कि जी ना लगे. और तीसरा गाना है राखी के साथ. इस गाने में भी वो पीली शर्ट में ही और गाने के बोल हैं झिलमिल सितारों का आंगन होगा. इन तीनों ही गानों में धर्मेंद्र का रोमांटिक अंदाज लाजवाब रहा है. गाने जितने हिट हैं फिल्म भी उतनी ही हिट रही. ऐसे में अगर इस शर्ट को धर्मेंद्र की लकी शर्ट कहें भी तो क्या गलत होगा.
अलग-अलग सालों में रिलीज हुई फिल्में
पहले स्टार्स अलग अलग शिफ्ट में काम किया करते थे. उन दिनों वैनिटी वैन जैसी कोई व्यवस्था नहीं हुआ करती थी, जिस वजह से स्टार्स के लिए कपड़े बदलना मुश्किल होता जाता था. बहुत से सितारे जुगाड़ से ये काम किया करते थे. लेकिन धर्मेंद्र ने ये शर्ट एक ही दिन अलग अलग शिफ्ट में नहीं पहनी है. बल्कि ये फिल्में अलग अलग साल में रिलीज हुईं. जिसके मुताबिक ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी शूटिंग भी एक ही दिन नहीं हुई होगी. शर्मिला टेगौर के साथ उनकी फिल्म मेरे हमदम मेरे दोस्त आई थी साल 1968 में. आशा पारेख के साथ आया सावन झूम के रिलीज हुई 1969 में और राखी के साथ जीवन मृत्यु रिलीज हुई थी साल 1970 में.