धर्मेंद्र की पहली बड़ी हिट, 50 हफ्ते तक चली फिल्म और बदल दिया पूरा करियर, मिले कई अवॉर्ड्स, शादीशुदा हीरोइन से कर बैठे थे प्यार

यह फिल्म पूरे 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली थी और दर्शकों का इतना प्यार मिला कि इसे धर्मेंद्र के करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है.

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धर्मेंद्र की पहली बड़ी हिट थी ये फिल्म
नई दिल्ली:

धर्मेंद्र को हिंदी सिनेमा में उनकी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस और ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए हमेशा याद किया जाता है. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी फिल्म की जिसने न सिर्फ उनकी किस्मत बदल दी और उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया. इस फिल्म का नाम है फूल और पत्थर. ये फिल्म 1966 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म पूरे 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली थी और दर्शकों का इतना प्यार मिला कि इसे धर्मेंद्र के करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है. इन दिनों 89 साल के धर्मेंद्र अपनी सेहत को लेकर चर्चा में थे. कुछ समय पहले उन्हें बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. इस वक्त वे अपने घर अपने परिजनों के बीच है. ऐसे समय में एक बार फिर लोग उनकी शुरुआती सफलता की उस फिल्म को याद कर रहे हैं, जिसने उन्हें स्टार से सुपरस्टार बना दिया था.

फूल और पत्थर की कहानी शाका नाम के एक खतरनाक गैंगस्टर के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी जिंदगी बदल जाती है जब उसे शांति देवी नाम की विधवा के प्रति दया आती है. इस रोल के लिए निर्देशक ओपी रल्हन ने शुरुआत में सुनील दत्त को अप्रोच किया था, लेकिन उन्होंने फिल्म के बोल्ड थीम की वजह से इसे मना कर दिया. इसके बाद धर्मेंद्र को मौका मिला और मीना कुमारी ने शांति का किरदार निभाया.

हिट हुई धर्मेंद्र-मीना की जोड़ी
14 अगस्त 1966 को स्वतंत्रता दिवस के वीकेंड पर यह फिल्म रिलीज हुई और रिलीज के पहले ही हफ्ते से हिट हो गई. धर्मेंद्र और मीना कुमारी की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. यही वजह थी कि आगे भी दोनों ने चंदन का पालना, मंझली दीदी और बहारों की मंजिल  जैसी फिल्मों में साथ काम किया. फूल और पत्थर इतनी बड़ी हिट रही कि इसके तमिल, तेलुगु और मलयालम में भी रीमेक बने. तमिल में एम जी रामचंद्रन, तेलुगु में एन टी रामाराव और मलयालम में जयन ने फिल्म के रीमेक में लीड रोल निभाया.

फिल्म में मिले अवार्ड्स
फिल्म को दो फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले. वसंत बोरकर को बेस्ट एडिटिंग और शांति दास को बेस्ट आर्ट डायरेक्शन के लिए सम्मान दिया गया. धर्मेंद्र और मीना कुमारी के अलावा फिल्म में शशिकला, जीवन, ललिता पवार, मदन पुरी, टुनटुन, लीला चिटनिस, सुंदर और इफ्तिखार जैसे कलाकार थे, जिन्होंने अपनी मौजूदगी से कहानी को और असरदार बनाया.
फूल और पत्थर आज भी धर्मेंद्र की सबसे खास फिल्मों में गिनी जाती है, क्योंकि यही वह फिल्म है जिसने उन्हें पहली बार सिनेमा के बड़े सितारों की कतार में खड़ा किया.

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