धर्मेंद्र से है उस एक्टर का गहरा रिश्ता, जिसकी अमर सिंह चमकीला के मर्डर के कुछ दिन बाद ही हो गया था कत्ल

पंजाबी फिल्म इंड्स्ट्री में एक दौर ऐसा भी था जब वीरेंद्र सिंह के नाम का डंका बजा करता था. वीरेंद्र सिंह रिश्ते में तो धर्मेंद्र के चचेरे भाई हैं ही. इसके अलावा वो पर्सनालिटी में और लुक्स में भी वो धर्मेंद्र जैसे ही इंप्रेसिव थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमर सिंह चमकीला के मर्डर के कुछ दिन बाद ही इस एक्टर का कत्ल
नई दिल्ली:

दलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा की फिल्म अमर सिंह चमकीला काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. इन दोनों कलाकारों की लीड रोल वाली ये फिल्म लोगों को खूब पसंद आ रही है. ये फिल्म पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की बायोपिक कही जा सकती है. जो कैसे अपने करियर में बुलंदियों पर पहुंचते हैं. उन्हें अपनी जिंदगी का प्यार कैसे मिलता है और कैसे वो अचानक मार दिए जाते हैं. उनके मर्डर से जुड़ी गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है. उनकी ये दिल दुखाने वाली कहानी फिल्म स्टार धर्मेंद्र से भी जुड़ती है. जब सुपरस्टार के चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह को भी अमर सिंह चमकीला की तरह ही सरेआम मार दिया गया था.

पंजाबी इंड्स्ट्री के सुपरस्टार थे वीरेंद्र सिंह

पंजाबी फिल्म इंड्स्ट्री में एक दौर ऐसा भी था जब वीरेंद्र सिंह के नाम का डंका बजा करता था. वीरेंद्र सिंह रिश्ते में तो धर्मेंद्र के चचेरे भाई हैं ही. इसके अलावा वो पर्सनालिटी में और लुक्स में भी वो धर्मेंद्र जैसे ही इंप्रेसिव थे. जिसकी वजह से पंजाबी फैंस उन्हें पंजाबी फिल्मों का धर्मेंद्र ही कहने लगे थे. वो एक शानदार एक्टर होने के साथ साथ उम्दा फिल्म मेकर भी थे. इसे आप इत्तेफाक कहिए या उनका हुनर कि उन्होंने कुल 25 फिल्मों का निर्माण किया और वो 25 की 25 फिल्में हिट रहीं. साल 1975 में वीरेंद्र सिंह ने अपने करियर की शुरूआत तेरी मेरी एक जिंदड़ी मूवी से की थी. इस फिल्म से हिट हुए वीरेंद्र सिंह ने कभी नाकामी की तरफ फिर पलट कर नहीं देखा. इसके बाद धर्म जीत, कुंवारा मामा, जट शूरमे, रांझा मेरा यार, वैरी जट जैसी फिल्में रिलीज हुईं और वीरेंद्र सिंह का नाम भी चमकता चला गया. 

40 की उम्र में हुई हत्या

वीरेंद्र सिंह का सफर कामयाबी से भरपूर था लेकिन ज्यादा चलने वाला नहीं था. उनकी उम्र महज 40 साल की रही होगी जब उन्हें दिनदहाड़े एक फिल्म के सेट पर गोली मार दी गई. उस वक्त वो मूवी जट ते जमीन की शूटिंग कर रहे थे. जिस तरह अमर सिंह चमकीला को क्यों मारा गया ये आज तक एक राज है. उसी तरह वीरेंद्र सिंह को गोली क्यों मारी गई, इस बात से भी अब तक पर्दा नहीं उठ सका है. साल 1988 में वीरेंद्र सिंह को गोली मार दी गई. औरह अब तक उनकी हत्या एक राज ही बनी हुई है.

Advertisement

Amar Singh Chamkila Movie Review in Hindi: Diljit Dosanjh की चमक से चमक उठी अमर सिंह चमकीला

Advertisement
Featured Video Of The Day
Dalit Voters: क्या दलित वोटों के दबदबे की वजह से खास है बाल्मीकि जयंती?