DDLJ के 30 साल पूरे होने पर बोले- शाहरुख और काजोल, राज और सिमरन से आज भी प्यार करना सिखते हैं युवा...

आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रिय रोमांटिक फिल्म माना जाता है.

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DDLJ के 30 साल पूरे होने पर बोले शाहरुख और काजोल
नई दिल्ली:

आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रिय रोमांटिक फिल्म माना जाता है. शाहरुख खान और काजोल की यह ब्लॉकबस्टर फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर हो चुकी है और पिछले 30 सालों से भारतीयों और दक्षिण एशियाई दर्शकों के दिलों पर राज कर रही है. फिल्म की जोड़ी राज और सिमरन आज भी प्यार की परिभाषा बन चुकी है. फिल्म की 30वीं वर्षगांठ पर शाहरुख और काजोल ने बताया कि वे कभी नहीं भूल सकते कि कैसे लोग डीडीएलजे देखकर प्यार में पड़ने लगे. शाहरुख खान ने कहा,“ऐसा लगता ही नहीं कि DDLJको रिलीज हुए 30 साल हो गए हैं. ऐसा लगता है जैसे कल ही हुआ था… क्योंकि ‘बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छोटी बातें होती रहती हैं'! लेकिन यह अब भी यकीन करना मुश्किल है. मैं दिल से आभारी हूं दुनिया भर के उन लोगों का जिन्होंने ‘राज' को इतना प्यार दिया. किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह फिल्म लोगों के दिलों में इतनी गहराई तक उतर जाएगी. वो पल मैं कभी नहीं भूल सकता जब लोग फिल्म देखने आने लगे… और प्यार में पड़ने लगे.” 

उन्होंने आगे कहा, “इस फिल्म का असर जो लोगों के दिलों पर पड़ा है, वो बेमिसाल है. आज भी बहुत से कपल्स मुझसे मिलकर कहते हैं कि उन्होंने शादी की या प्यार किया DDLJ देखकर. यह फिल्म भारत और दक्षिण एशियाई संस्कृति के पॉप कल्चर में एक खुशहाल छाप छोड़ गई.” शाहरुख ने जोड़ा,“इस फिल्म की सफलता का सारा श्रेय आदित्य को जाता है, जिनके पास डीडीएलजे की अद्भुत स्पष्टता थी. यश जी के आशीर्वाद को भी. हम सबने यह फिल्म बहुत प्यार और ईमानदारी से बनाई थी. आने वाले सालों तक यूं ही प्यार में पड़ते रहें…”काजोल ने कहा, “ डीडीएलजे के 30 साल पूरे होना किसी सपने जैसा लगता है! यह फिल्म अब एक विरासत बन चुकी है, जो एक पूरी पीढ़ी के लिए नॉस्टैल्जिया का हिस्सा है. यह फिल्म उस बेफिक्र युवावस्था और पहले प्यार की सच्चाई से बनी थी. हमने कभी नहीं सोचा था कि राज और सिमरन का ट्रेन स्टेशन वाला सीन पूरे देश को रोक देगा. इसके गाने, डायलॉग्स और सरसों के खेत पॉप कल्चर का हिस्सा बन गए.”

काजोल ने आगे कहा,“ डीडीएलजे का एक अंश हर उस रोमांटिक फिल्म में मौजूद है जो उसके बाद बनी. मेरे लिए ‘सिमरन' अब भी ज़िंदा है — वो लाखों भारतीय लड़कियों का प्रतीक है जो अपने माता-पिता की बात मानती हैं, पर दिल में आज़ादी की चाह भी रखती हैं. इसलिए वो आज भी सबको छूती है. जब कोई कहता है ‘जा सिमरन, जा', तो वो सिर्फ एक डायलॉग नहीं रहता, वो साहस और प्यार का प्रतीक बन जाता है.” उन्होंने कहा,“जो दर्शक 16 साल की उम्र में इस फिल्म से प्यार कर बैठे थे, आज वे अपने बच्चों के साथ इसे देख रहे हैं. शायद यही  डीडीएलजे की खूबसूरती है — यह हर पीढ़ी को अपने भीतर झांकने पर मजबूर करती है. जब कोई फिल्म 30 साल तक लोगों के दिलों में रहती है, तो वह सिर्फ कहानी नहीं रहती, बल्कि एक पूरी पीढ़ी की सोच और प्यार की परिभाषा बन जाती है.”

डीडीएलजे ने शाहरुख और काजोल की जोड़ी को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित ऑन-स्क्रीन कपल बना दिया. इस पर काजोल ने कहा,“DDLJ के लिए मिले प्यार के लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगी. यह फिल्म अब एक सांस्कृतिक मील का पत्थर बन चुकी है, जिसने दर्शकों को यह विश्वास दिलाया कि सच्चा प्यार हमेशा जीतता है. जब कोई फिल्म एक घटना बन जाती है, तो वह सिर्फ कहानी नहीं रहती — वह भावना बन जाती है.” काजोल ने आगे कहा,“आदित्य चोपड़ा की दूरदृष्टि इस फिल्म की असली ताकत थी. परिवार, परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना और दिल की बात सुनने का साहस — ये विषय कभी पुराने नहीं होते.” फिल्म में शाहरुख-काजोल की केमिस्ट्री के बारे में काजोल बोलीं,“शाहरुख के साथ काम करना हमेशा सहज रहा है. हमारे बीच एक समझ और भरोसा है — जो बिना बोले काम करता है. कैमरे के सामने यह सब कुछ इतना प्राकृतिक लगता है कि वह अभिनय नहीं, बल्कि एक सच्चा जुड़ाव बन जाता है. यही वजह है कि दर्शक उस जादू को महसूस करते हैं.”

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