गुंडागर्दी के चलते कॉलेज से हुए बाहर, फिर एक डांट ने बदली किस्मत और धर्मेंद्र के साथ दिख रहे इस हीरो को बना दिया बॉलीवुड का विलेन

1971 में 'दो बूंद पानी' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले इस एक्टर की रियल लाइफ रील लाइफ से भी ज्यादा दिलचस्प है. कभी गुंडागर्दी और मारपीट के चलते कॉलेज से निकाले गए थे. लेकिन एक मुलाकात ने उनकी जिंदगी ही बदलकर रख दी.

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नई दिल्ली:

पर्दे पर पॉजिटिव और निगेटिव रोल निभाने वाला यह एक्टर कभी गुंडागर्दी, मारपीट और लड़ाई-झगड़ा करता था. ज्यादा लाड़-प्यार की वजह से बचपन में ही शरारत अंदर आ गई थी. बेटे की हरकतों से बाज आकर पिता उसका एडमिशन कराने बोर्डिंग स्कूल पहुंचे. वहां एक बोर्ड पर सभी टॉपर स्टूडेंट्स के नाम देखे उन्होंने बेटे से कहा, 'यहां तुम्हारा नाम देखना चाहता हूं.' हालांकि, बेटे का मन पढ़ाई में जरा सा भी नहीं लगता था. लेकिन क्रिकेट और ड्रामा से गजब का लगवा था. इसमें शानदार परफॉर्मेंस करते हुए उसने वहां खूब नाम कमाया और आखिरकार बोर्ड पर अपना नाम लिखवा लिया. आज बॉलीवुड के सबसे बड़े विलेन में नाम आता है.

बॉलीवुड का मशहूर विलेन

हम बता कर रहे हैं बॉलीवुड के सबसे मशहूर विलेन में से एक किरण कुमार की. मशहूर कैरेक्टर आर्टिस्ट जीवन कुमार के बेटे किरण कुमार कश्मीरी पंडित फैमिली से आते हैं. 1971 में 'दो बूंद पानी' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले किरण कुमार भोजपुरी और गुजराती फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुके हैं. टीवी और ओटीटी पर भी उन्होंने अपनी दस्तक दी है. उनकी रियल लाइफ कहानी काफी दिलचस्प है.

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गुंडागर्दी की वजह से कॉलेज से निकाले गए

जब किरण कुमार बोर्डिंग स्कूल से वापस लौटे तो पिता जीवन कुमार ने एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा से उन्होंने मिलवाया. किरण ने उन्हें अपनी एक्टिंग में दिलचस्पी के बारे में बताया. शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें FTII मे एडमिशन लेने की सलाह दी. सबकुछ बढ़िया चल रहा था कि एक दिन एक्टिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स की डायरेक्शन डिपार्टमेंट के छात्रों से झगड़ा हो गया. बात मारपीट तक पहुंच गई. हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि पुलिस तक बुलानी पड़ी. कॉलेज ने एक्शन लेते हुए किरण कुमार समेत 4 छात्रों को बाहर निकाल दिया. इस फैसले का गुस्सा एक्टिंग डिपार्टमेंट के छात्रों पर देखने को मिला.

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धरने पर बैठे और बन गए एक्टर

कॉलेज मैनेजमेंट को इस फैसले से नाराज होकर किरण कुमार और उनके दोस्त धरने पर बैठ गए. करीब 45 दिन तक कॉलेज बंद रहा. इस विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई गई. मशहूर फिल्ममेकर ख्वाजा अहमद अब्बास भी इस कमेटी का हिस्सा थे. जब वह छात्रों को समझाने कॉलेज पहुंचे तो किरण कुमार को पहचान लिया. उन्होंने किरण कुमार को फटकार लगाते हुए कहा इतने शरीफ पिता के बेटे होकर तुम गुंडागर्दी कर रहे हो. किरण कुमार को खूब डांट पड़ी और अब्बास ने उन्हें अगले दिन गेस्ट हाउस में आकर मिलने को कहा. इस डांट से किरण कुमार काफी डर गए थे. अगरे दिन डरते-डरते गेस्ट हाउस पहुंचे. जहां अब्बास ने उन्हें अपनी फिल्म 'दो बूंद पानी' में इंजीनियर का रोल करने को कहा. किरण कुमार को लग रहा था कि उन्हें डांट पड़ी लेकिन यहां तो उन्हें फिल्म मिल गया था. इसके बाद वे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे और इंडस्ट्री में अपना एक मुकाम बनाया.

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