77वें कान फिल्म फेस्टिवल में भारत के लिए बड़ी कामयाबी, मैसूर के चिदानंद की शॉर्ट फिल्म ने जीता फर्स्ट प्राइज

77वें कान फिल्म फेस्टिवल में ला सिनेफ का पहला पुरस्कार 'सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन टू नो' ने जीत लिया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
'सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन टू नो' ने जीता ला सिनेफ का पहला प्राइज
नई दिल्ली:

77वें कान फिल्म फेस्टिवल में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र चिदानंद एस नाइक की 16 मिनट की शार्ट फिक्शन फिल्म 'सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन टू नो' का मंगलवार को प्रीमियर हुआ. वहीं अब खबरें हैं कि भारत के लिए एक बड़ी जीत में, चिदानंद एस नाइक की "सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो..." ने कान ला सिनेफ का पहला पुरस्कार जीता है. 

कन्नड़ भाषा की इस फिल्म की कहानी एक लोक कथा पर आधारित है. फिल्म में एक बूढ़ी महिला के मुर्गे की चोरी से उसका गाँव हमेशा के लिए अंधेरे में डूब जाता है. पुरस्कार की घोषणा बृहस्पतिवार को हो गई है. निर्णायक मंडल में कुल पांच सदस्य और बेल्जियम की एक्ट्रेस लुबना अजाबल ने इसकी अध्यक्षता की.  

नाइक ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर कुछ समय तक चिकित्सा का अभ्यास करने के बाद फिल्म निर्माण की ओर रुख किया था. नाइक ने कहा, ''जब मैंने यह कदम उठाया तो मेरे माता-पिता मुझसे बहुत नाराज थे. लेकिन अब पांच साल बाद मैं उनके समर्थन से यहां हूं.''

फिल्म की शुटिंग पुणे में की गई थी. नाइक ने बंजारा साहित्य पर अपने शोध से एक 12 मिनट की डाक्यूमेंटरी बनाई थी जिसे पिछले साल अंतरराष्ट्रीय डाक्यूमेंटरी और शार्ट फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था. फिल्म का नाम 'भूल चूक टूल्स' था.

Pushpa 2: अरे भाई Pushpa Pushpa Song के नाम पर यह क्या कर डाला?| Allu Arjun

Advertisement
Featured Video Of The Day
Union Budget 2025: कहने को 1 फरवरी, लेकिन Middle Class को आज मिला मोदी सरकार से असली New Year Gift!